भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन पर रेलवे तेजी से कर रहा काम, RDSO ने किया अहम परीक्षण

रेलवे का लक्ष्य "विरासत के लिए हाइड्रोजन" पहल के तहत 35 हाइड्रोजन ट्रेन चलाना है, जिसमें हर ट्रेन की लागत लगभग 80 करोड़ रुपये और पहाड़ी रूट के लिए जमीनी बुनियादी ढांचे की लागत 70 करोड़ रुपये है।

हाइड्रोजन ट्रेन के लिए अहम परीक्षण (फाइल फोटो)

Hydrogen Train: भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन पर तेजी से काम चल रहा है और इसके जल्दी ही पटरी पर उतरने की संभावना है। इसे पटरी पर उतारने से पहले अहम परीक्षणों का दौर चल रहा है। रेल मंत्रालय के तहत अनुसंधान एवं विकास निकाय, अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) ने लिंक्डइन पर बताया कि उसने भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन के लिए ईंधन सेल और बैटरी सिस्टम का एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन परीक्षण किया है।

हाइड्रोजन ट्रेन के लिए अहम परीक्षण

इसमें कहा गया है कि यह परीक्षण ड्राइविंग मोटर कोच उप-असेंबली के लिए स्थिर परीक्षण चरण के पूरा होने का प्रतीक है। इसका उद्देश्य प्रस्तावित जिंद-सोनीपत मार्ग के लिए ड्राइव सायकल सिमुलेशन का मिलान करना था। हाइड्रोजन ट्रेन भारत के हरित और अधिक टिकाऊ रेल परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस परीक्षण का सफल समापन ट्रेन की विकास प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि इसके ईंधन सेल और बैटरी सिस्टम जींद-सोनीपत खंड पर परिचालन के लिए सही रहेगा।

रेलवे 35 हाइड्रोजन ट्रेनें चलाएगा

पिछले साल राज्यसभा के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाइड्रोजन ट्रेनों के लिए भारतीय रेलवे की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया था। रेलवे का लक्ष्य "विरासत के लिए हाइड्रोजन" (Hydrogen for Heritage) पहल के तहत 35 हाइड्रोजन ट्रेन चलाना है, जिसमें हर ट्रेन की लागत लगभग 80 करोड़ रुपये और पहाड़ी रूट के लिए जमीनी बुनियादी ढांचे की लागत 70 करोड़ रुपये है।

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