ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले- अपमान हुआ तो छोड़ी कांग्रेस, मध्य प्रदेश सीएम पद की दावेदारी पर कही ये बात
सिंधिया ने कहा, कांग्रेस के ही एक बड़े नेता ने कभी कहा था कि हर एक रुपये में से 15 पैसे ही आम आदमी पर पहुंचते हैं। लेकिन आज 6 हजार रुपये किसानों के खाते में सीधे पहुंच रहे हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
India Economic Conclave: इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में (IEC 2023) में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने की वजह बताई। साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश का सीएम बनने की महात्वाकांक्षा के बारे में सवालों के जवाब भी दिए। इसके अलावा राहुल गांधी की राजनीति को लेकर भी उन्होंने अपना नजरिया बताया। उन्होंने कहा कि आज सभी को दिख रहा है कि भारत का विकास हुआ है, जो नहीं देखना चाहते हैं, उन्हें समझा नहीं सकते।
ऐसी पारदर्शिता पहले कभी नहीं देखी
राहुल गांधी की मौजूदा राजनीति पर सिंधिया ने कहा कि जिनके क्लोज माइंड है उन्हें समझा नहीं सकते हैं। अगर आप आज भारत की तस्वीर देखें, इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, सोशल वेलफेयर नीतियों से हालात बदले हैं। करप्शन पर स्थिति बदली है। कांग्रेस के ही एक बड़े नेता ने कभी कहा था कि हर एक रुपये में से 15 पैसे ही आम आदमी पर पहुंचते हैं। लेकिन आज 6 हजार रुपये किसानों के खाते में सीधे पहुंच रहे हैं। इस तरह की पारदर्शिता इससे पहले कभी भारत में नहीं दिखी थी।
सिंधिया ने कहा, 50 करोड़ जनधन खाते खुले, दुनिया में कहीं ऐसा नहीं हुआ। विदेशों में वैक्सीनेशन हुआ तो कागज की पर्ची मिलती थी। भारत में वैक्सीनेशन डिजिटली हुआ, 200 करोड़ टीके बने, टीका लगने के बाद सर्टीफिकेट मिले। अगर कोई इसे देखने से ही इनकार करता है तो क्या कर सकते हैं।
क्या एमपी सीएम पद के दावेदार हैं?
चुनाव आगे हैं, और क्या आप मध्य प्रदेश के सीएम पद के लिए दावेदार हैं, इस सवाल पर सिंधिया ने हाजिरजवाबी के साथ कहा- 23 साल में मुझसे यही सवाल पूछा जा रहा है पता नहीं कब मैं अपने जवाब से संतुष्ट कर पाऊंगा। कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा- आप मेरे पिताजी को जानते हैं, दादी को जानते हैं, मेरा भी वही खून है। इस परिवार ने कोई पद नहीं लिया। जब एमपी का नतीजा आया और सीएम बनाने की बात आई कि कौन व्यक्ति सीएम बनेगा, तब मैंने ही समर्थन किया था।
अपमान हुआ तो कांग्रेस छोड़ी
लेकिन जब मेरा अपमान हुआ तो मैंने यह कदम उठाया। मैं कभी भी आत्मसम्मान से समझौता नहीं करूंगा। मैंने कभी कुर्सी के बारे में नहीं सोचा। मेरा लक्ष्य जनसेवा है। पिताजी ने कहा था, जिंदगी का लक्ष्य कभी राजनीति नहीं होना चाहिए, जनसेवा होनी चाहिए। मेरी रेस कुर्सी की नहीं, हां मैं महत्वाकांक्षी हूं, लेकिन ये महत्वाकांक्षा विकास की है, जनसेवा की है। पीएम ने मुझे जो जिम्मेदारी दी है मैं उसमें सबसे बेहतर करूंगा।
सिंधिया ने कहा मैंने एक बैंक में 6.5 साल नौकरी की। मुझे पता है कि समय से डिलीवरी कैसे दी जाती है, मैं ट्रेंड हूं। मेरा सौभाग्य है कि मैं ऐसे पीएम के साथ काम कर रहा हूं जिनका फोकस टाइम बाउंड रिजल्ट पर है। कई नीतियां बनी हैं, हर नीति पर काम करना है। तब तक काम करना है जब तक कि आखिरी व्यक्ति को इसका फायदा न पहुंच जाए।
भारत नंबर 1 जरूर बनेगा
कर्नाटक चुनाव के बाद विपक्ष को 2024 चुनाव को लेकर उम्मीदें जगी हैं कि वो जीत सकती है, आप इसे कैसे देखते हैं, इस सवाल पर सिंधिया ने कहा- कांग्रेस ने चुनाव जीता, लेकिन बीजेपी अपने लक्ष्य पर कायम है कि भारत को बदलना है, हर व्यक्ति तक विकास पहुंचाना है। इकोनॉमी में अभी हम नंबर 5 पर है, हमारा टारगेट अब नंबर 3 है। अमृत काल से शताब्दी काल तक भारत नंबर 1 जरूर बनेगा।
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