चुनौतियां अधिक, अपेक्षाएं भी...पर मैं चमत्कार करने नहीं आया हूं- साफगोई से बोले CJI चंद्रचूड़

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि मुझे इसे बदलना होगा और अपने सहयोगियों पर अधिक निर्भर रहना होगा, उनके अनुभव का उपयोग करना होगा तथा वह अनुभव संस्थान को मजबूत करने में योगदान देगा।’’

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़।

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने बड़ी ही साफगोई के साथ कहा कि वह जानते हैं कि उनसे काफी उम्मीदें हैं, पर वह यहां चमत्कार करने नहीं आए हैं। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की तरफ से सीजेआई के रूप में नियुक्ति पर अभिनंदन के लिए हुए एक कार्यक्रम में सीजेआई ने कहा कि न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में, वह अपने सहयोगियों को सर्वोच्च न्यायालय में देखेंगे और उनके अनुभव तथा ज्ञान से लाभ प्राप्त करेंगे, जिसका ‘‘पारंपरिक रूप से उपयोग’’ नहीं किया गया है।
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उन्होंने आगे कहा कि उनका मानना है कि शीर्ष अदालत के न्यायाधीश जो बार से आए हैं, वे अपने साथ ‘‘ताजगी’’ लाते हैं और यह बार और बेंच का एक अनूठा संयोजन है जो शीर्ष अदालत में एक साथ आता है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘तो, कुल मिलाकर, मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि मैं यहां चमत्कार करने नहीं आया हूं। मुझे पता है कि चुनौतियां अधिक हैं, शायद अपेक्षाएं भी अधिक हैं, और मैं आपके विश्वास की भावना का बहुत आभारी हूं, लेकिन मैं यहां चमत्कार करने के लिए नहीं हूं।’’
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