'30 साल पहले ही हथियार छोड़ दिया, अब मैं गांधीवादी', उम्रकैद की सजा काट रहे यासीन मलिक ने दिया हलफनामा

Yasin Malik News: जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट-यासीन के अध्यक्ष यासीन मलिक ने दावा किया है कि उसने हथियार के बल पर विरोध-प्रदर्शन के तरीके का त्याग करते हुए गांधीवादी तरीका अपना लिया है।

Yasin Malik News

जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट-यासीन के अध्यक्ष यासीन मलिक

Yasin Malik News: दिल्ली की तिहाड़ जेल में टेरर फंडिंग के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट-यासीन (JKLF-Y) के अध्यक्ष यासीन मलिक ने खुद को गांधीवादी बताया है। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट-यासीन के अध्यक्ष यासीन मलिक ने UAPA ट्रिब्यूनल को एक हलफनामा सौंपा है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस हलफनामे में मलिक ने बताया कि उसने 30 साल पहले ही हथियार छोड़ दिया है और अब वह गांधीवादी हो गया है। यासीन ने 1988 में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट यानी जेकेएलएफ-वाई बनाया था गौर हो कि यासीन ने आतंकवादियों के साथ मिलकर 1990 में श्रीनगर के रावलपुरा में भारतीय वायुसेना के चार कर्मियों की हत्या की थी।

'उसने अब गांधीवादी प्रतिरोध का तरीका अपना लिया है'

जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट-यासीन के अध्यक्ष यासीन मलिक ने कहा कि जेकेएलएफ-वाई के संयुक्त स्वतंत्र कश्मीर की स्थापना के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए 1994 में सशस्त्र संघर्ष छोड़ दिया था, उसने अब गांधीवादी प्रतिरोध का तरीका अपना लिया है।

ये भा पढें- बिना अनुमति सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया यासीन मलिक, मची सनसनी; सॉलिसिटर जनरल बोले- वो भाग सकता था

'अब वो गांधीवादी है उसने 1994 से ही हथियार और हिंसा छोड़ दी है'

मलिक ने अपने संगठन जेकेएलएफ-वाई पर प्रतिबंध की समीक्षा करने वाले यूएपीए न्यायाधिकरण से कहा है कि अब वो गांधीवादी है उसने 1994 से ही हथियार और हिंसा छोड़ दी है न्यायाधिकरण को दिए अपने हलफनामे में मलिक ने दावा किया कि उन्होंने 1994 में 'संयुक्त स्वतंत्र कश्मीर' की स्थापना का लक्ष्य पाने के मकसद से जेकेएलएफ-वाई के जरिए सशस्त्र संघर्ष की राह छोड़ दी थी, अब अपने विरोध और प्रतिरोध के लिए उसने गांधीवादी तौर तरीका अपना रखा है' गौर हो कि यासीन ने 1988 में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट यानी जेकेएलएफ-वाई बनाया था।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लेटेस्ट न्यूज

रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited