'साइलेंट मोड' में चले गए शशि थरूर? बोले- ये मेरा काम नहीं कि मैं कांग्रेस लीडरशिप को बताऊं कि क्या करना है
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने इसके साथ ही कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का चुनाव होने की स्थिति में प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरने की संभावना को भी वस्तुत: खारिज कर दिया। बहरहाल, उन्होंने कहा कि अगर पार्टी में ज्यादातर लोग दूसरे विकल्प का पक्ष लेते हैं तो वह बहुमत की राय की जगह अपनी मर्जी और पसंद नहीं ला सकते।
कांग्रेस के सीनियर नेता शशि थरूर। (फाइल)
कांग्रेस के सीनियर नेता शशि थरूर ने कहा है कि वह भी एक चुनाव में खड़े हुए हैं और वह उसमें हार गए थे। उन्हें लगता है कि यह उनका काम नहीं है कि वह पार्टी नेतृत्व को बताएं कि क्या करना है। उन्हें वे कदम उठाने दीजिए जो वे ठीक समझते हैं। ये बातें उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए खास इंटरव्यू के दौरान कहीं। दरअसल, उनसे पूछा गया था कि क्या अधिवेशन के दौरान सीडब्ल्यूसी का चुनाव कराना पार्टी के लिए जरूरी है और क्या उन्होंने यह विषय कांग्रेस के नेतृत्व के साथ उठाया है?
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ने इसके साथ ही कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का चुनाव होने की स्थिति में प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरने की संभावना को भी वस्तुत: खारिज कर दिया। वह दो टूक बोले कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के बाद अब वह संगठन के किसी अन्य चुनाव में उतरने के बारे में विचार नहीं कर रहे हैं। अब चुनाव के संदर्भ में दूसरे लोगों को आगे कदम बढ़ाना है।
देखें, कांग्रेस में थिंट टैंक माने जाने वाले नेता क्या बोले?
थरूर के मुताबिक, ‘‘मुझे यकीन है कि अगर ज्यादातर डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्य) चुनाव चाहते हैं तो चुनाव होगा और अगर ये चाहते हैं कि फिलहाल चुनाव नहीं हो और आगे बढ़ा जाए तो फिर वह भी एक विकल्प होगा। मैंने एक बार चुनाव लड़ा...अपनी बात रखी और चुनाव नहीं जीता या डेलीगेट के बहुमत के करीब नहीं पहुंच पाया तो ऐसे में मुझे लगता है कि मैं एक ही चीज की मांग (चुनाव) नहीं करता रहूं।’’
वह यह भी बोले, "सीडब्ल्यूसी चुनाव के संदर्भ में ऐसा सिर्फ इसलिए कह रहे हैं कि वह अपनी बात पहले रख चुके हैं और अब अध्यक्ष का चुनाव जीतने वाले और पार्टी के कर्ता-धर्ताओं को ज्यादातर डेलीगेट के साथ बातचीत करके फैसला करना है। जहां तक सिद्धांत का सवाल है तो उन्होंने यह अध्यक्ष के चुनाव के समय प्रदर्शित किया था कि चुनाव पार्टी को लामबंद करने में सार्थक योगदान दे सकते हैं।" (एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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