सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसा लोग कर रहे हैं- बिहार में पुलों के गिरने पर जीतन राम मांझी का तर्क, 9 दिन में 5 ब्रिज को चुका है धाराशाही
बिहार में हाल के दिनों में कई पुल गिर चुके हैं। जिसपर सरकार जांच की बात कह रही है। हालांकि पुलों के लगातार गिरने को लेकर नीतीश सरकार सवालों के घेरे में है।
जीतन राम मांझी ने बिहार में पुल गिरने पर दिए अजीब तर्क
- केंद्र सरकार में मंत्री है जीतन राम मांझी
- बिहार की नीतीश सरकार में भी हैं सहयोगी
- पुल गिरने के बाद से सवालों के घेरे में है नीतीश सरकार
बिहार में पिछले 9 दिनों में 5 पुल गिर चुके हैं। ऐसा नहीं है कि बिहार में पहली बार पुल गिरा है, पहले भी गिरते रहे हैं। भ्रष्टाचार का आरोप लगते रहा है, अधिकारी और इंजीनियर सस्पेंड होते रहे हैं। लेकिन इस बार धड़ाधड़ पुल गिर रहे हैं। कारण क्या है इसपर जांच तो चल रही है, लेकिन पुल को गिरने को लेकर अब अजीबो-गरीब तर्क आने लगे हैं। बिहार के पूर्व सीएम, नीतीश कुमार की सरकार में सालों से सहयोगी और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का कहा है कि पुल गिरने में उन्हें साजिश नजर आ रही है। कोई जानबूझकर ऐसे कर रहा है।
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जीतन राम मांझी का अजीबो-गरीब तर्क
मोदी सरकार में मंत्री जीतन राम मांझी से जब बिहार में पुल गिरने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा- "ये बात तो सही है, चिंता का विषय है कि पुल गिर रहे हैं, काहे पुल गिरे हैं, तो ऐसा तो लगता है कि उसमें खराब मेटेरियल लगा होगा। लेकिन आज से 15 दिन पहले या एक महीना पहले पुल क्यों नहीं गिर रहा था? अभी क्यों गिर रहा है? इसमें हमको लग रहा है कि कहीं न कहीं साजिश तो नहीं है? जानबूझकर लोग सरकार को बदनाम करने के लिए इस तरह की बात करते हैं, आपने दो महीना पहले पुल गिरने का लगातार उदाहरण देखा था? एक आध पुल कभी गिरा था, उसपर कार्रवाई हो रही थी। लेकिन लगातार पुल गिर रहा है, इसका मतलब हमको लगता है कि कहीं न कहीं सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसा लोग कर रहे हैं। लेकिन सरकार अपनी तरफ से जो पुल गिरे हैं, उसके ठेकेदार और इंजीनियर पर सख्त से सख्त कार्रवाई कर रही है और आगे ऐसा न हो इसके लिए भी सरकार सचेत है।"
नीतीश की छवि पर असर
दरअसल बिहार में पुल गिरने से नीतीश कुमार की छवि पर असर पड़ता दिख रहा है। पिछले लगभग 20 सालों से बिहार में नीतीश कुमार सीएम हैं और बीच के कुछ साल को छोड़ दें तो नीतीश के साथ वहां बीजेपी गठबंधन में रही है। जीतन राम मांझी पहले जदयू में ही थे, बाद में अलग पार्टी बनाई तब भी कुछ समय को छोड़कर वो सरकार में ही रहे हैं। फिलहाल तीनों बिहार के साथ-साथ केंद्र में भी साथ हैं।
बिहार में कब-कब गिरे पुल
बिहार में 28 जून को मधुबनी में एक पुल गिर गया था। उससे पहले 18 जून को अररिया में, 22 जून को सीवान में, 23 जून को पूर्वी चंपारण में, 27 जून को किशनगंज में पुल गिर चुका है। जिसमें सरकार को करोड़ों का नुकसान हो चुका है।
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