मैं आम आदमी का मुख्यमंत्री, लोग मुझे सीएम के तौर पर देखना चाहते हैं...हार मानने को तैयार नहीं एकनाथ शिंदे
दिल्ली से लौटने के तुरंत बाद वह सतारा में अपने पैतृक गांव रवाना हो गए, जिससे साफ हो गया कि वह अपनी उम्मीदवारी छोड़ने को तैयार नहीं हैं और सीएम के नाम पर अभी फैसले में देरी है।
एकनाथ शिंदे ने फंसाया पेच
Eknath Shinde's Big Claim: महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सीएम पद को लेकर हार मानने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। शिंदे के रुख के कारण महाराष्ट्र में प्रचंड बहुमत के बाद भी महायुति अपना सीएम उम्मीदवार तय नहीं कर पाया है। दिल्ली में अमित शाह के साथ देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार की बैठक के बावजूद अभी तक सीएम के नाम पर फैसला नहीं हो सका है। हालांकि, एकनाथ शिंदे ऐलान कर चुके हैं कि पीएम मोदी जो भी फैसला लेंगे, उन्हें मंजूर होगा, लेकिन उनका रुख कुछ ही कहानी बयां करता है। दिल्ली से लौटने के तुरंत बाद वह सतारा में अपने पैतृक गांव रवाना हो गए, जिससे साफ हो गया कि वह अपनी उम्मीदवारी छोड़ने को तैयार नहीं हैं और सीएम के नाम पर अभी फैसले में देरी है।
शिंदे बोले, लोग मुझे सीएम देखना चाहते हैं
शिंदे सीएम पद पर अपनी वापसी की लगातार बात कर रहे हैं। शिंदे का कहना है कि लोग उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में वापस चाहते हैं क्योंकि उन्होंने 2022 से अपने कार्यकाल में आम लोगों के लिए बहुत काम किया है। शिवसेना अध्यक्ष ने यह बात रविवार को कही जब एक दिन पहले ही राज्य भारतीय जनता पार्टी ने घोषणा की थी कि महाराष्ट्र में नई सरकार 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में शपथ लेगी
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शिंदे ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहिए। शिंदे ने कहा, मैं आम लोगों का मुख्यमंत्री था। दरअसल, मैं कहता था कि मैं सिर्फ मुख्यमंत्री नहीं बल्कि आम आदमी हूं। एक आम आदमी के तौर पर मैंने लोगों की समस्याओं और दर्द को समझा और उन्हें दूर करने की कोशिश की। चूंकि मैंने एक आम आदमी के तौर पर काम किया, इसलिए जाहिर तौर पर लोगों को लगता है कि मुझे मुख्यमंत्री बनना चाहिए।
कहा- मेरे नेतृत्व में हुई गठबंधन की जीत
2022 में 39 से अधिक पार्टी विधायकों के साथ बगावत करने वाले और महायुति सरकार में मुख्यमंत्री बनने वाले शिंदे ने भाजपा नेतृत्व को यह भी याद दिलाया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में सफलतापूर्वक लड़ा गया था। उन्होंने कहा, महायुति सरकार ने जिस तरह की सफलता हासिल की है, वह पहले कभी किसी को नहीं मिली। विधानसभा चुनाव मेरे नेतृत्व में लड़े गए थे। दोनों उपमुख्यमंत्री और अन्य सहयोगी मेरे साथ थे। हमने बड़ी जीत हासिल की।
फिर दोहराया, पीएम मोदी और शाह का फैसला मानेंगे
शिंदे सतारा जिले के अपने पैतृक गांव दारे में पत्रकारों से बात कर रहे थे। गुरुवार को अमित शाह से मुलाकात के बाद शिंदे ने दो दिन गांव में ही बिताए। हालांकि, उन्होंने दोहराया कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लिए गए फैसले का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा, हालांकि, कोई भ्रम नहीं होना चाहिए... मैंने पिछले सप्ताह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मुख्यमंत्री पद के बारे में फैसला लेंगे। मेरी पार्टी शिवसेना और मैं उनके फैसले का समर्थन करेंगे। किसी के मन में कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को संपन्न हुए थे और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए गए थे। 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में महायुति ने 230 सीटें जीती थीं। इनमें से अकेले भाजपा को 132 सीटें मिलीं। अन्य सहयोगियों में शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीटें जीतीं, जबकि अजित पवार की एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं। तब से इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा- एकनाथ शिंदे या देवेंद्र फडणवीस।
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