स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान तेजस पहली बार दुर्घटनाग्रस्त।
Tejas Accident Full Story: भारतीय वायु सेना का एक हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस मंगलवार को प्रशिक्षण उड़ान के दौरान जैसलमेर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। देश में ही बने और लगभग आठ साल पहले वायु सेना के बेड़े में शामिल किए गए इस हल्के विमान से जुड़ा यह पहला हादसा है, हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। वायुसेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि पायलट सुरक्षित रूप से बाहर निकल गया और दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ का आदेश दिया गया है।
कहां हुई दुर्घटना?
दुर्घटना राजस्थान के पोकरण से लगभग 100 किलोमीटर दूर हुई। पोकरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शीर्ष सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में एक बड़ा युद्ध अभ्यास ‘भारत शक्ति’ आयोजित किया जा रहा था। सैन्य सूत्रों ने संकेत दिया कि तेजस विमान को इस अभ्यास का हिस्सा बनना था। सैन्य सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना के नंबर-18 स्क्वाड्रन या ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ से संबंधित यह विमान, उन तीन तेजस विमानों में से एक था जिन्हें पोकरण में युद्धाभ्यास का हिस्सा बनना था।
वीडियो आया सामने
दुर्घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें दिखाई दे रहा है कि कम ऊंचाई पर उड़ रहा विमान, पायलट के सुरक्षित बाहर निकलने के तुरंत बाद जमीन से टकराकर आग की लपटों में घिर गया। जैसलमेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेंद्र सिंह ने बताया कि कल्ला आवासीय कॉलोनी और जवाहर कॉलोनी के पास हुए हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है।
छात्रावास का हिस्सा क्षतिग्रस्त
पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि घटना में एक छात्रावास का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, घटना के समय कमरों में कोई नहीं था। जहां विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, वहां एक मंजिला इमारत से धुआं निकलता देखा गया। घटना के बाद जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। उन्होंने कहा, 'पायलट सुरक्षित है और घटना में कोई अन्य घायल नहीं हुआ है। घटनास्थल के पास सभी दिशाओं में आबादी थी और सौभाग्य से सभी सुरक्षित हैं।' भाटी ने कहा कि हादसा शहर से लगभग एक किमी दूर हुआ और पहली बार शहर के इतने नजदीक कोई हवाई दुर्घटना हुई है।
विधायक ने कहा, 'विमान छात्रावास के मैदान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिससे छात्रावास का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया। दुर्घटना की चपेट में आए कमरों में कोई नहीं था। कुछ छात्र अन्य कमरों में मौजूद थे।' भाटी ने कहा, 'अगर विमान आबादी वाले इलाके में गिरता तो जान-माल का भारी नुकसान हो सकता था। लेकिन मैं इसे पायलट की समझदारी और भगवान का आशीर्वाद मानता हूं कि सभी सुरक्षित हैं। हमें आराध्य देव बाबा रामदेव और तनोट माता का आशीर्वाद है।' उन्होंने कहा कि जब उन्हें दुर्घटना की जानकारी मिली, वह अन्य लोगों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करने के बाद जैसलमेर वायु सेना स्टेशन से लौट रहे थे और इसके बाद वह सीधे घटनास्थल पहुंच गए।
प्रत्यक्षदर्शी ने बताई कहानी
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से कुछ देर पहले ही पायलट विमान से बाहर कूद गया। उन्होंने कहा, 'जैसे ही विमान जमीन पर गिरा, तेज आवाज हुई।' दमकल वाहनों को आग पर काबू पाने के लिये घटनास्थल पर भेजा गया। पायलट को अस्पताल पहुंचाया गया। अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना का शिकार होने वाला यह पहला तेजस विमान है। इस तेजस विमान में एक ही सीट है और इसके दो सीट वाले स्वरूप का संचालन भी वायुसेना करती है।
कैसे हुई दुर्घटना?
वायुसेना के अनुसार 'भारतीय वायु सेना का एक हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस आज परिचालन प्रशिक्षण उड़ान के दौरान जैसलमेर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पायलट सुरक्षित रूप से बाहर निकल गया। 'इसमें कहा, 'दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है।' सूत्रों ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त तेजस एमके-प्रथम विमान अंतिम परिचालन मंजूरी (एफओसी) संस्करण है और इसमें सभी सुरक्षा विशेषताएं होती हैं।
तेजस विमान की उड़ान
सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा उपकरण निर्माता कंपनी ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (एचएएल) द्वारा बनाए गए तेजस विमान को हवाई युद्ध और आक्रामक वायु सहायता मिशनों के लिए एक शक्तिशाली मंच माना जाता है। तेजस विमान बनाने की परियोजना, वर्षों के विचार-विमर्श के बाद अंतत: 1984 में शुरू हुई और 2011 में इस विमान को औपचारिक रूप से उड़ान भरने के लिए मंजूरी दे दी गई। अक्टूबर 2020 में एक तेजस विमान की उड़ान में दौरान तकनीकी गड़बड़ी आ जाने के बाद इसे जांच के दायरे में लाया गया था।
उड़ान के दौरान तेजस में तकनीकी समस्या आने के बाद हवा में संभावित दुर्घटना को रोकने के लिए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। सिंह दिसंबर 2021 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले 14 लोगों मे शामिल थे। तत्कालीन प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत ने भी दुर्घटना में जान गंवा दी थी। भारतीय वायुसेना को तीन दशकों से अधिक के इंतजार के बाद एक जुलाई 2016 को प्रारंभिक परिचालन मंजूरी (आईओसी) के तहत पहले दो तेजस विमान मिले। विमान के अंतिम परिचालन मंजूरी (एफओसी) की घोषणा फरवरी 2019 में की गई।
तेजस खरीदने में कई देशों की रुचि
विमान को हवाई युद्ध और आक्रामक वायु सहायता मिशनों के लिए शक्तिशाली हथियार माना जाता है। तेजस विमान भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार बनने के लिए तैयार है। इसमें शुरुआती संस्करण के लगभग 40 तेजस विमान पहले ही शामिल किए जा चुके हैं। फरवरी 2021 में, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए 83 तेजस एमके-1ए विमान की खरीद के लिए एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया। गत नवंबर में मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए 97 तेजस विमान के एक अतिरिक्त बेड़े की खरीद के लिए प्रारंभिक मंजूरी दी थी। नाइजीरिया, फिलीपीन, अर्जेंटीना और मिस्र सहित कई देशों ने तेजस विमान खरीदने में रुचि दिखाई है।
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