IEC 2023: 'इंडिया के पास संस्कार-मूल्यों का तड़का, यह हमें बहुत आगे ले जाएगा', बोले वेदांता के अनिल अग्रवाल- पर आज लोगों में सब्र नहीं
IEC 2023: अनिल अग्रवाल ने टाइम्स नेटवर्क के इंडिया इकनॉमिक कॉनक्लेव में बताया- मैं अपने जमाने में रात भर आईडिया पर सोच-विचार करता था। अगले दिन जाकर अपने लोगों के बीच जब उन्हें उत्साह से बताता था तो वे कहते थे कि यह क्या आईडिया है! (अजब और खराब के संदर्भ में) मैं उनके फीडबैक सुनकर टूट जाता था, पर आज मैं जब खराब आईडिया लेकर जाता हूं तब लोग वाह-वाह करते हैं। यह बदलाव आया है।
वेदांता रिसोर्सेज के संस्थापक और चेयरमैन अनिल अग्रवाल।
'उद्यमी हमें अमेरिका से आगे लेकर जाएंगे'
वह आगे बोले- जब आजादी मिली तब टाटा-बिड़ला दो ही नाम और कोई नाम नहीं था। सरकार को तब आना पड़ा और कहना पड़ा कि यह हमारे मंदिर हैं। उन्होंने 300-400 उद्योग लगाए, पर वह दौर खत्म हो गया। हमें यह महसूस करना होगा कि उद्यमी हमें अमेरिका से आगे लेकर जाएंगे। हमारे पास संस्कार और नैतिक मूल्य हैं। हमारे समाज में लोग अपने बड़ों का सम्मान करते हैं और पैर छूते हैं। यह जो तड़का है...यह चीज हमें दूर तक लेकर जाएगा। हमारे समय में चीजें बहुत कठिन था। हमारे पास खोने को कुछ नहीं था।तो यह था अनिल अग्रवाल का सबसे बड़ा झूठ!
कार्यक्रम में अपने सबसे बड़े झूठ के बारे में बताते हुए उन्होंने खुलासा किया, "मेरी जब शादी हो रही थी तब मैंने होने वाली पत्नी को खूब सपने दिखाए। मैंने उससे कहा था कि मेरा मुंबई में घर है, जबकि असल में मैं बहुत ही सामान्य जिंदगी जी रहा था। चूंकि, मेरी शादी करने की बहुत इच्छा है, इसलिए मैंने उससे झूठ बोला था। बाद में पत्नी मुंबई आई तो उसने देखा कि मैं तो 300 स्क्वायर फुट के फ्लैट में रहता हूं और मेरे पास फिएट की गाड़ी है...यही मेरा सबसे बड़ा झूठ था।"दुनिया चाहती है कि हम सिर्फ...
बकौल अग्रवाल, "अब के बच्चों में सब्र नहीं है। जिसके पास साइकिल है, उसे स्कूटर चाहिए। जिसके बाद स्कूटर है, उसे कार चाहिए। हमारी महिलाओं को आज गैस चाहिए, वे लकड़ी पर खाना नहीं बना सकती हैं। आज के लोगों में सब्र नहीं है। सरकार के सामने चुनौती है कि उनके पास समय नहीं है। हमें समझना होगा कि हमको तेजी से आगे बढ़ना है। आज दुनिया नहीं चाहती है कि हिंदुस्तान संसाधन विकसित करे...निर्यात आधारित रहे। दुनिया चाहती है कि हम स्मार्टफोन-लैपटॉप बनाओ, लेकिन चिप (सेमीकंडक्टर) हमसे हो। यह कैसे हो सकता है? हम खुद सेमी कंडक्टर बनाएंगे।"युवाओं के लिए भारत में ये चीजें हैं जरूरी
उन्होंने आगे बताया- युवाओं को आज के समय में तीन-चार चीजें चाहिए। अगर 15 साल के बच्चे को स्मार्टफोन और लैपटॉप मिल गया तो वह जॉब ढूंढ लेगा। अब वो जमाना चला गया, जब मार-पीट के बच्चों को वकील-डॉक्टर बनाया जाता था। अब लिब्रल आर्ट्स का समय है। 15 साल के बच्चों को स्मार्टफोन, लैपटॉप और स्कूटी बहुत कीफायती कीमत पर मिलने चाहिए। यह चीज हमारे देश को बहुत विकसित करेगी।अनिल अग्रवाल के संबोधन की बड़ी बातेंः
- चिप्स (सेमीकंडक्टर) और डिस्प्ले ग्लास हमारे लिए दो बड़ी चीजें हैं।
- स्कूटी, स्मार्टफोन और लैपटॉप सारे युवाओं के पास हों।
- मैं युवाओं से हमेशा कहता हूं कि पहले उद्यमी के लिए काम करो, फिर सीखो, पर सीधे उद्यमी मत बनो।
- इंडिया बदलने वाला है...आने वाला समय युवाओं का है।
- मैंने ऐसी विफलताएं देखीं हैं, जिनसे रातें तक नहीं कटती थीं।
- 13-14 साल की उम्र तक मैं कभी कार में नहीं बैठा था।
- हमारे समय में पारदर्शिता नहीं हुआ करती थी, पर आज है।
- मैं अपने मुल्क को विकसित देश के नाते देखना चाहता हूं।
पैनल के दूसरे स्पीकर्स ने क्या बताया?
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