IEC 2023: इंडिया में अवसर अधिक और जोखिम कम...बोले अजय पीरामल, समझाया कि कोविड के क्या बदला

India Economic Conclave 2023: टाइम्स नेटवर्क के इंडिया इकनॉमिक कॉन्क्लेव में अजय पीरामल ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि वैश्विक महामारी से निपटने के लिए भारत ने जो कुछ किया, वह किसी और बड़े मुल्क ने किया हो। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान लग रहा था कि यह सब क्या हो रहा है, पर सरकार की ओर से गरीबों के लिए अहम कदम उठाए गए।

IEC 2023 में अपनी बात रखते हुए पीरामल समूह (Piramal Group) के अजय पीरामल (Ajay Piramal)

India Economic Conclave 2023: पीरामल समूह (Piramal Group) के चेयरमैन अजय पीरामल (Ajay Piramal) ने कहा है कि आज के समय में हमारे सामने बहुत सारे अवसर हैं। टाइम्स नेटवर्क के इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में गुरुवार (एक जून, 2023) को उन्होंने बताया- कोरोना वायरस संकट के बाद बड़ा बदलाव सकारात्मकता और आशावाद है, जो हिंदुस्तान और बाहर के लोगों में है। मैं दुनिया भर के लोगों से मिलता हूं। बहुत सारे लोग अब भारत आ रहे हैं, वे इस पर बात करते हैं कि भारत में किस तरह की ग्रोथ (विकास) दिख रही है। आज बहुत कम जोखिम हैं और ऐसा मेरे 45 साल के करियर में पहली बार हुआ है, लोगों में बहुत सारा आशावाद (फिर चाहे बैकिंग, निवेशकों और अन्य लोगों में) है।
पीरामल के मुताबिक, इस चीज का बड़ा कारण हमारा कोरोना प्रबंधन रहा। मुझे नहीं लगता कि वैश्विक महामारी से निपटने के लिए हमने जो कुछ किया, वह किसी और बड़े मुल्क ने किया हो। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान लग रहा था कि यह सब क्या हो रहा है, पर सरकार की ओर से गरीबों के लिए अहम कदम उठाए गए। मुझे लगता है कि हमें इस चीज ने मजबूत आधार दिया है।
'ईटी नाउ' के मैनेजिंग एडिटर निकुंज डालमिया को उन्होंने आगे बताया, "पिछले 10-20 सालों में देखें तो हम पाते हैं कि भारत में महंगाई की दर विकसित देशों से कम रही है। फिर चाहे अमेरिका हो, यूरो जोन हो या फिर यूके हो।" उन्होंने कहा कि हमें तेजी से आगे बढ़ना और विकसित होना है। अगर भारत को आठ फीसदी जीडीपी के साथ आगे बढ़ना है तब क्रेडिट को 18-20 फीसदी की दर से बढ़ाना होगा। ऐसे भारत में कभी नहीं हुआ है। हमारे पास ढेर सारे मौके हैं, जिनके जरिए हम दुनिया से सीख सकते हैं।
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