IEC 2023: जब गडकरी ने लगा दी थी इंजीनियर-कॉन्ट्रैक्टर की क्लास, कहा था- मैं तुम्हें छोड़ूंगा नहीं, धुलाई करूंगा

India Economic Conclave 2023: केंद्रीय मंत्री गुरुवार (एक जून, 2023) को 'टाइम्स नेटवर्क' के इंडिया इकनॉमिक कॉन्क्लेव 2023 में थे। उन्होंने इस दौरान टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नविका कुमार से विभिन्न विषयों पर खुलकर बात की। इसी दौरान गडकरी ने कुछ पुराने और मजेदार किस्से भी साझा किए।

IEC 2023 Nitin Gadkari

IEC 2023: इंडिया इकनॉमिक कॉन्क्लेव में अपनी बात रखते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी।

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
India Economic Conclave 2023: केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जितना अपने काम के लिए मशहूर हैं, उतना ही अपनी साफगोई के लिए भी जाने जाते हैं। लचर काम और ढुल-मुल रवैये को लेकर वह दफा इंजीनियर से लेकर कॉन्ट्रैक्टर तक की क्लास लगा चुके हैं। कभी थर्मस में चाय से जुड़ा चैलेंज देकर तो कभी "हथौड़ा तकनीक" से बने एक्सपैंशन ज्वॉइंट्स पर उन्होंने कॉन्ट्रैक्टर और इंजीनियर को चेताया था कि अगर गड़बड़ हुई तो वह उन्हें छोड़ेंगे नहीं और जमकर धुलाई करेंगे।
ये सारे किस्से उन्होंने गुरुवार (एक जून, 2023) को 'टाइम्स नेटवर्क' के इंडिया इकनॉमिक कॉन्क्लेव (आईईसी 2023) में टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नविका कुमार को बताते हुए कहा, "मैं अक्सर कॉन्ट्रैक्टर को यह समझाता हूं कि आप यह जो रोड बनाते हैं, वह हमारे देश की संपत्ति है। हम लोग 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से मर्सिडीज में बैठकर आ रहे थे और जिस रोड पर (मुंबई-खंडाला-लोनावला) थे, उसे हिंदुस्तान की एक लीडिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनाया था। मैंने तब उन कंपनी के लोगों से कहा था कि मैं तकनीकी चीजें नहीं समझता हूं।"
बकौल गडकरी, "थर्मस में चाय है और मैं 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर इसे पीयूंगा...थोड़ी भी इस दौरान अगर इधर-उधर गिर गई तब तुम याद रखना कि मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगा। मैंने दिल्ली-मुंबई हाईवे पर भी यही चीज की और हम दोनों जगह सफल रहे।" नितिन जब मंत्री थे, तब का आगे एक और किस्सा सुनाते हुए वह बोले- श्रीनिवासन नाम के एक कंस्लटेंट हैं, फिलहाल शायद वब नहीं है। मैं उन्हें हॉन्ग-कॉन्ग से लाया था। जेजे हॉस्पिटल से लेकर वीटी तक फ्लाई ओवर बना है, हमने तब उसके एक्सपैंशन ज्वॉइंट्स देखे थे, जो काफी बेहतरीन हैं।"
उन्होंने इसी बाबत आगे बताया, मौजूदा समय में हमारे एक्सपैंशन ज्वॉइंट्स हिलते हैं। मैंने पता किया तो पता चला कि सहारनपुर (यूपी) में यह कोई "हथौड़ा टकनीक" से बनाए जाते हैं। मैं जहां-जहां गया, वहां मैंने बिल्कुल साफ कर दिया कि अगर एक्सपैंशन ज्वॉइंट्स खराब निकले तब इंजीनियर और कॉन्ट्रैक्टर, दोनों की धुलाई करूंगा...धीरे-धीरे कर के इनकी गुणवत्ता सुधर गई।
क्वालिटी पर जोर देते हुए गडकरी बोले- हमें कंस्ट्रक्शन की क्वालिटी के साथ बिना समझौता किए निर्माण की लागत को कम करना होगा। दूसरी बात यह कि मैं एक तिहाई इस्तेमाल (स्टील और सीमेंट उद्योग से) को कम करना चाहता हूं। तीसरी बात कि ईकोलॉजी (परिस्थितिकी) और पर्यावरण भी हमारे लिए बहुत जरूरी है।
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अभिषेक गुप्ता author

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