क्या लड़कियां हिजाब नहीं पहनेंगी तो आवारगी बढ़ेगी, ईरान में हिजाब के खिलाफ क्रांति, भारत में साजिश क्यों?
Rashtravad : हिजाब बैन को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फैसले के के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। फैसले में दोनों जजों की राय अलग-अलग होने की वजह से CJI से संवैधानिक बेंच के पास भेजने की अपील की गई है। उधर ईरान में हिजाब (Hijab) के खिलाफ क्रांति चल रही है तो भारत में हिजाब के लिए मौलानाओं की साजिश चल रही है?
- हिजाब पर बंटे जज...'सुप्रीम सुनवाई' अभी बाकी है !
- 'बेपर्दा होंगीं लड़कियां तो आवारगी बढ़ जाएगी'?
- ईरान में 'हिजाब क्रांति'..हिंदुस्तान में 'हिजाबी साजिश'?
तीनों खबरों को एक-एक कर देखेंगे, लेकिन सबसे पहले ये समझिए कि हिजाब विवाद का पूरा मामला क्या है और आज सुप्रीम कोर्ट ने इस पर क्या कहा ? कर्नाटक सरकार ने स्कूल-कॉलेज के अंदर हिजाब पर बैन लगाया था। इसके खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को कायम रखा था। यानी स्कूल-कॉलेज में क्लास रूम के अंदर हिजाब बैन कर दिया गया। कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फैसले के के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। दो जज की बेंच जिसमें जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया थे, दोनों जज ने पूरे मामले को सुना और आज इस पर फैसला सुना दिया। लेकिन फैसले में दोनों जजों की राय अलग-अलग थी।
- जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब बैन के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया। यानी हिजाब पर पाबंदी को सही माना।
- जबकि जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा कि हिजाब पहनना या न पहनना, ये पसंद का मामला है। लड़कियों की शिक्षा बहुत जरूरी है। हिजाब पर बैन लगाने का कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला गलत है।
अब सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों ने जो बंटा हुआ यानी अलग-अलग फैसला दिया उसका मतलब क्या है वो समझ लीजिए।- हिजाब पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच का गठन होगा।
- हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला लागू रहेगा।
- स्कूल-कॉलेज में क्लास रूम के अंदर हिजाब बैन रहेगा।
- अब आगे इस पर संवैधानिक बेंच सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब को लेकर आज भले ही कोई क्लियर फैसला नहीं दिया..लेकिन समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने इस पर अपना क्लियर स्टैंड लोगों को सुना दिया। उन्होंने ये कह दिया कि हिजाब नहीं पहनने से आवारगी बढ़ जाएगी। हालात बिगड़ जाएंगे। सुनिए उन्होंने क्या कहा?
हिंदुस्तान में कट्टरपंथी नेता हिजाब की मांग कर रहे हैं तो ईरान में महिलाओं की हिजाब विरोधी क्रांति तेज होती जा रही है। ईरान की इस्लामिक सरकार महिलाओं की इस आवाज को गोलियों के दम पर भी दबा नहीं पा रही है। कल फिर ईरान में हिजाब के खिलाफ महिलाओं ने जमकर प्रदर्शन किया और नारी, जीवन, आजादी' के नारे लगाए जिसके बाद वहां पुलिस ने गोलियां बरसा दी। लेकिन दूसरी तरफ भारत में हिजाब के लिए कट्टरपंथी खुलेआम समर्थन कर रहे हैं।
अब सवाल ये है कि
- क्या लड़कियां हिजाब नहीं पहनेंगी तो आवारगी बढ़ेगी?
- हिजाब नहीं पहनने से लड़कियां बेपर्दा होंगी या फिर शफीकुर्रहमान बर्क जैसे नेता बेपर्दा हो रहे हैं ?
- हिजाब पर अभी अंतिम सुनवाई बाकी है तो कट्टरपंथी नेता इतने एक्टिव क्यों हो गए हैं?
- ईरान में 'हिजाब विरोधी क्रांति' हो रही है, लेकिन क्या हिंदुस्तान में 'हिजाब के लिए मौलानाओं की साजिश चल रही है?
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