सही हुए Exit Poll तो कैसा होगा 'मोदी सरकार 3.0' का कार्यकाल? सबसे पहले होंगे ये काम
Modi Government Third Term: प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही अपने तीसरे टर्म को लेकर मंसूबे साफ कर दिए हैं। चुनाव की घोषणा से पहले ही पीएम मोदी यह ऐलान कर चुके हैं कि उनका तीसरा कार्यकाल 'विकसित भारत' को समर्पित होगा और यह कार्यकाल ऐतिहासिक फैसलों को लेकर जाना जाएगा।
Narendra Modi
Modi Government Third Term: लोकतंत्र का महापर्व यानी लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं। वोटरों को अब चुनाव के नतीजों का इंतजार है। चुनाव आयोग 4 जून को मतगणना करेगा, जिसके बाद स्थिति साफ हो जाएगी कि मोदी सरकार सत्ता में बनी रहती है या फिर इंडिया गठबंधन की नई सरकार बनती है। हालांकि, मतगणना से पहले लोकसभा चुनाव को लेकर Exit Polls जारी हो चुके हैं। लगभग सभी एग्जिट पोल में मोदी सरकार सत्ता में वापसी करती दिखाई दे रही है और इंडिया गठबंधन जनता को अपने मुद्दे समझाने में नाकामयाब होता दिख रहा है। अगर मतगणना के बाद एग्जिट पोल के आंकड़े सही होते हैं और मोदी सरकार सत्ता में वापस आती है तो देश के इतिहास में यह दूसरी बाद होगा, जब कोई पार्टी लगातार तीसरी बार सरकरा बनाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही अपने तीसरे टर्म को लेकर मंसूबे साफ कर दिए हैं। चुनाव की घोषणा से पहले ही पीएम मोदी यह ऐलान कर चुके हैं कि उनका तीसरा कार्यकाल 'विकसित भारत' को समर्पित होगा और यह कार्यकाल ऐतिहासिक फैसलों को लेकर जाना जाएगा। बता दें, मोदी सरकार ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। तो कैसा होगा मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल? क्या-क्या बड़े फैसले हो सकते हैं? तीसरे कार्यकाल का मसौदा क्या है? विकसित भारत के स्वप्न के लिए मोदी सरकार क्या-क्या करने वाली है? आइए जानते हैं...
विकसित भारत को समर्पित होगा तीसरा टर्म
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले ही साफ कर दिया था कि उनकी सरकार का तीसरा टर्म विकसित भारत को समर्पित होगा। इसको लेकर उन्होंने प्लान भी तैयार कर लिया है। पीएम मोदी ने चुनाव से पहले इंटरव्यू में कहा था कि विकसित भारत को लेकर सभी मंत्रालयों से भी रिपोर्ट मांगी गई है और उन्हें 100 दिन के एजेंडे के साथ तैयार रहने को कहा गया है। अपने इस एजेंडे का जिक्र पीएम मोदी ने आज देशवासियों के नाम लिखे एक पत्र में भी किया है। उन्होंने कहा है कि भारत को विकसित भारत बनाने के लिए हमें श्रेष्ठता को मूल भाव बनाना होगा। हमें Speed, Scale, Scope और Standards, चारों दिशाओं में तेजी से काम करना होगा। हमें मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ क्वालिटी पर जोर देना होगा, हमें zero defect- zero effect के मंत्र को आत्मसात करना होगा। उन्होंने देशवासियों से अगले 25 वर्ष देश को समर्पित करने की अपील की है।
तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा कार्यकाल भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने पर भी होगा। इसका जिक्र चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स में भी किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान कुछ सालों में देश को अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने पर होगा। पीएम मोदी के रणनीतिक और कूटनीतिक माध्यम से भारत का वैश्विक प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करेंगे।
125 दिन का टारगेट तय
मोदी सरकार अगर तीसरी बार सत्ता में आती है तो शुरुआती 125 दिन काफी अहम होने वाले हैं। इसका प्रधानमंत्री मोदी कई बार जिक्र भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार एक पल भी व्यर्थ नहीं कर रही है। सरकार बनने के बाद अगले 125 दिन में क्या होगा? इसका रोडमैप तैयार कर लिया गया है। इसमें 25 दिन विशेष तौर पर युवाओं के लिए रखे गए हैं और अगले 5 साल में कौन से बड़े निर्णय लिए जाने हैं, इसकी रूपरेखा भी खींची जा चुकी है।
जीएसटी के दायरे में होगा पेट्रोल-डीजल!
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में पेट्रोल-डीजल को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इसके पहले ही संकेत दे चुके हैं। उन्होंने कहा है कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने की लंबे समय से मांग रही है। अगर तीसरी बाद मोदी सरकार सत्ता में आती है तो पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है।
ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता!
पीएम मोदी का तीसरा टर्म भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी हो सकता है। इस मुद्दे को भाजपा सरकार ने अपने मेनिफेस्टो में भी शामिल किया है। पीएम मोदी पहले ही कह चुके हैं कि हमारा लक्ष्य पीएम सूर्य घर योजना और जीरो बिजली बिल है। यानी तीसरे टर्म में सोलर एनर्जी पर जोर रहने वाला है।
पीओके पर बड़ा फैसला!
मतगणना के बाद अगर नरेंद्र मोदी की सरकार वापसी करती है तो पीओके के मुद्दे पर भी सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। हालांकि, इसको लेकर आधिकारिक तौर पर कोई बात नहीं कही गई है, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं की ओर से पीओके वापस लेने के लिए बयानबाजी की गई थी। खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के कुछ महीने बाद पीओके को वापस लिया जाएगा। यह कितना सही है, यह तो प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा कार्यकाल ही बताएगा। लेकिन इस मुद्दे पर जनता की नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर टिकी हुई हैं।
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