कर्नाटक के 'सोलिल्लादा सरदारा' मल्लिकार्जुन खड़गे अगर बनते हैं कांग्रेस के अध्यक्ष तो रचेंगे इतिहास, लगातार 10 बार जीत चुके हैं चुनाव

मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने के साथ-साथ 2008 के विधानसभा चुनाव में केपीसीसी प्रमुख के रूप में काम कर चुके हैं। लोकसभा में 2014 से 2019 तक खड़गे कांग्रेस पार्टी के नेता रहे हैं। मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में खड़गे मंत्री भी रह चुके हैं।

अगर सबकुछ ठीक रहा था तो कर्नाटक के सोलिल्लादा सरदारा कहे जाने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे अगले कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे। मल्लिकार्जुन खड़गे को कर्नाटक का सोलिल्लादा सरदारा यानि जो कभी हारा न हो, कहा जाता है। अगर खड़गे ये चुनाव जीतते हैं तो वो इतिहास ही बनाएंगे। कर्नाटक से आने वाले वो दूसरे कांग्रेस के अध्यक्ष होंगे। उनसे पहले एस निजालिंगप्पा कांग्रेस के अध्यक्ष बन चुके हैं। साथ ही जगजीवन राम के बाद इस पद पर आसीन होने वाले दूसरे दलित नेता भी होंगे।
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मल्लिकार्जुन खड़गे को विवादों से दूर रहने वाला नेता माना जाता है, साथ ही एक ऐसा नेता भी जिसने दिल्ली पहुंचने के बाद भी राज्य को नहीं छोड़ा और राज्य की जनता से जुड़े रहे। यही कारण रहा कि वो कर्नाटक में लगातार आठ बार विधायक का चुनाव जीते, उसके बाद दो बार सांसदी का चुनाव जीते। पिछली बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। खड़गे गांधी परिवार के बहुत अधिक विश्वस्त माने जाते हैं।
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ऐसा रहा है सियासी सफर
खड़गे पिछले 50 साल से अधिक समय से राजनीति में सक्रिय हैं। 80 वर्षीय खड़गे का सियासी सफर उनके गृह जिले गुलबर्ग (कलबुर्गी) में ही एक यूनियन नेता के रूप में शुरू हुआ था। साल 1969 में वो कांग्रेस में शामिल हुए और गुलबर्ग शहरी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने। चुनावी मैदान में खड़गे लगभग अजेय ही रहे हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने मोदी लहर के बावजूद गुलबर्ग से 74 हजार मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। हालांकि, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में खड़गे को भाजपा नेता उमेश जाधव के हाथों गुलबर्ग में 95,452 मतों से हार का सामना करना पड़ा था। खड़गे के कई दशकों के सियासी सफर में यह उनकी पहली हार थी।
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