अगर वक्फ एक्ट आजादी से पहले से अस्तित्व में है, तो यह अवैध कैसे हो सकता है? किरेन रिजिजू की खरी-खरी

रिजिजू ने कहा कि इस देश का संविधान और कानून है, और किसी भी व्यक्ति का संपत्ति छीनना संभव नहीं है। उन्होंने विरोध करने वालों से अपील की कि वे यह बताएं कि यह विधेयक गैरसंवैधानिक क्यों है और उन्हें अपनी बात तर्कपूर्ण तरीके से रखनी चाहिए।

Kiren Rijiju

किरेन रिजिजु

Kiren Rijiju on Waqf Act: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध पर एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान विरोध करने वालों को पहचानने की अपील करते हुए कहा कि ये वही लोग हैं, जिन्होंने जब नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू होने पर मुसलमानों को यह डर दिखाया था कि इसके लागू होते ही उन्हें देश से बाहर निकाल दिया जाएगा। रिजिजू ने सवाल भी किया कि सीएए लागू हुए एक साल हो चुका है, तो क्या किसी मुसलमान को बाहर निकाला गया है? उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दलों द्वारा फैलाए जा रहे झूठ के खिलाफ समाज को जागरूक करना आवश्यक है।

वक्फ अधिनियम आजादी से पहले से अस्तित्व में

वक्फ संशोधन विधेयक पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजु ने विरोधियों को खरी-खरी सुनाई है। रिजिजु ने कहा, कुछ लोग कह रहे हैं कि यह वक्फ संशोधन विधेयक असंवैधानिक है। वक्फ नियम आजादी से पहले से ही अस्तित्व में हैं...ये सभी प्रावधान पहले से ही अस्तित्व में हैं। अगर वक्फ अधिनियम आजादी से पहले से अस्तित्व में है, तो यह अवैध कैसे हो सकता है? भोले-भाले मुसलमानों को यह कहकर गुमराह किया जा रहा है कि सरकार मुसलमानों की संपत्ति और अधिकार छीनने जा रही है। कुछ लोगों द्वारा फैलाई जा रही झूठी बातें हमारे समाज और राष्ट्र के लिए बहुत हानिकारक हैं। मैं सभी से अनुरोध करना चाहूंगा कि कृपया उन नेताओं को पहचानें जो झूठ बोल रहे हैं। ये वे लोग हैं जिन्होंने CAA के दौरान देश को गुमराह किया। मुझे यह कहते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि भारत में अल्पसंख्यक सबसे सुरक्षित हैं और अल्पसंख्यकों को भारत में स्वतंत्रता के सबसे अच्छे अधिकार प्राप्त हैं।

विरोधी फैला रहे हैं अफवाहें

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर कुछ लोगों द्वारा किए जा रहे भ्रामक दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक में कुछ विशेष प्रावधान किए जा रहे हैं, और इसके विरोधियों द्वारा यह अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि मस्जिदों, कब्रिस्तानों और मुसलमानों की जमीन जायदाद को छीन लिया जाएगा। उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि वक्फ कानून भारत में स्वतंत्रता से पहले भी अस्तित्व में था और आजादी के बाद भी यह कानून लागू है। रिजिजू ने इसके ऐतिहासिक संदर्भों को समझाया और कहा कि इस कानून के तहत कई बार संशोधन किए गए हैं, जिनमें 1913, 1923, 1931, 1954, 1995, और 2013 में बदलाव किए गए हैं। यह कानून इतना पुराना और स्थिर है कि इसे गैरसंवैधानिक और अवैध कहना एक बड़ा झूठ है।

किसी भी व्यक्ति का संपत्ति छीनना संभव नहीं

रिजिजू ने कहा कि इस देश का संविधान और कानून है, और किसी भी व्यक्ति का संपत्ति छीनना संभव नहीं है। उन्होंने विरोध करने वालों से अपील की कि वे यह बताएं कि यह विधेयक गैरसंवैधानिक क्यों है और उन्हें अपनी बात तर्कपूर्ण तरीके से रखनी चाहिए। यह झूठ फैलाना कि वक्फ संशोधन विधेयक के कारण मुस्लिमों की ज़मीन छीन ली जाएगी, समाज में भ्रम फैलाने जैसा है और यह देश के लिए हानिकारक हो सकता है।

नेताओं-राजनीतिक दलों को भी आड़े हाथों लिया

रिजिजू ने उन नेताओं और राजनीतिक दलों को भी आड़े हाथों लिया, जो इस प्रकार के झूठे प्रचार को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने पूछा कि ऐसे लोग कौन हैं, जो बिना किसी ठोस आधार के इस प्रकार के भ्रामक आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब सीएए का विरोध हुआ था, तब भी यही लोग वही झूठ फैला रहे थे कि इसके लागू होने से मुसलमानों को देश से बाहर कर दिया जाएगा, लेकिन एक साल के बाद भी किसी मुसलमानों का अधिकार नहीं छीना गया है। यह बेबुनियाद आरोप समाज में खौफ पैदा करने के लिए लगाए जा रहे हैं। वक्फ संशोधन विधेयक पर व्यापक चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पहले ही संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया है, जो इस पर गहन चर्चा कर रही है।

उन्होंने कहा कि ईद के इस खास मौके पर हमें झूठ से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि चाहे वह मुसलमान हों या गैर-मुसलमान, सभी को सच बोलने की प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ईद के दिन भी कोई झूठ बोलता है, तो इसका मतलब वह व्यक्ति नकली है। रिजिजू ने अपील की कि सभी लोगों को एकजुट होकर देश की बेहतरी के लिए काम करना चाहिए और अपने-अपने तर्कों के साथ मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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