BJP का मास्टरस्ट्रोक: मध्य प्रदेश में यादव सीएम चुनकर UP-Bihar में कर दिया खेला, लोकसभा चुनाव में दिखेगा असर

BJP Masterstroke in MP: फैसले का असर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार में भी महसूस किया जाएगा। बड़ी संख्या में यादव आबादी वाले दोनों राज्यों में 120 लोकसभा सीटें हैं।

मोहन यादव को सीएम बनाने की क्या रणनीति

BJP Masterstroke in MP: भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से अपने कदम से राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया। इस बार मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री के रूप में चुनकर बीजेपी ने नया मास्टरस्ट्रोक चल दिया है। इस फैसले का असर सिर्फ मध्य प्रदेश तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि दूसरे राज्यों में इसका प्रभाव दिखेगा। सियासी पंडितों का कहना है कि इस फैसले का असर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार में भी महसूस किया जाएगा। बड़ी संख्या में यादव आबादी वाले दोनों राज्यों में 120 लोकसभा सीटें हैं।

मोहन यादव की पत्नी यूपी से

मोहन यादव की पत्नी सीमा, जिनकी पृष्ठभूमि भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से है, उत्तर प्रदेश से हैं। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा ने यादव बेल्ट में सेंध लगाकर समाजवादी पार्टी के दावों को झुठला दिया था। अब मध्य प्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री के यूपी-कनेक्ट के साथ भाजपा निश्चित रूप से सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले आक्रामक कदम उठाने की कोशिश करेगी, जहां अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी भाजपा की सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी है।

बीजेपी को यूपी से सबसे बड़ी आस

अभी भाजपा के पास छह यादव विधायक-एमएलसी और सांसद हैं, यूपी से दो-दो विधायक, एमएलसी और एक राज्यसभा सदस्य हैं। केंद्र में जीत की हैट्रिक के लिए भाजपा फिर से उत्तर प्रदेश पर बहुत अधिक भरोसा कर रही है, जहां यादव सबसे प्रमुख ओबीसी समूह है। उत्तर प्रदेश में लगभग 9% यादवों का इटावा, बदायूं, मैनपुरी, फिरोजाबाद, इटावा, मैनपुरी, फैजाबाद, संत कबीर नगर, बलिया, जौनपुर और आज़मगढ़ सहित कई लोकसभा क्षेत्रों में लगभग निर्णायक असर है। जून 2022 में सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा सीट खाली करने के बाद भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ सीट जीती थी।

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