चार धाम यात्रा पर जाने वालों के जरूरी खबर, राष्ट्रीय राज मार्ग हुआ खतरनाक, जानिए ऋषिकेश से जोशीमठ तक की ग्राउंड रिपोर्ट

चार धाम की यात्रा: ऋषिकेश बद्रीनाथ हाई वे पर जैसे ही आप अपनी यात्रा की शुरुआत करते है कुछ दूर चलते ही राजमार्ग पर पहाड़ सड़क पर दरकता दिख जाएगा। टाइम्स नाउ नवभारत की ग्राउंड जीरो से चार धाम यात्रा से पहले व्यवस्थाओं की खास ग्राउंड रिपोर्ट जानिए।

Kedarnath

चारधाम यात्रा की ग्राउंट रिपोर्ट

उत्तराखंड में इस बार चार धाम यात्रा सरकार के लिए संपन्न करवाना थोड़ा मुश्किलों भरा हो सकता है चार धाम यात्रा में हालांकि अभी करीब 40 से अधिक दिनों का समय बाकी है लेकिन सड़कें बनाने और व्यवस्थाएं बनाने में जिस कदर सुस्ती बरती जा रही है उससे यही लगता है कि क्या सही समय पर सरकार व्यवस्थाएं दुरुस्त कर पाएगी। इस पर टाइम्स नाउ नवभारत की ग्राउंड जीरो से चार धाम यात्रा से पहले व्यवस्थाओं की खास ग्राउंड रिपोर्ट। चार धाम की यात्रा की शुरुआत होती है ऋषिकेश से जिसे इस यात्रा का आरंभ द्वार भी कहते है। हमारी टीम आपको दिखाएगी ऋषिकेश से लेकर जोशीमठ तक की वो ग्राउंड रिपोर्ट जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी है।

ऋषिकेश बद्रीनाथ हाई वे पर जैसे ही आप अपनी यात्रा की शुरुआत करते है कुछ दूर चलते ही आपको राजमार्ग पर पहाड़ सड़क पर दरकता दिख जाएगा और कुछ दूरी आगे यानी कोडियाला का हाल तो देखते ही बनता है जहां पहाड़ ने सड़क पर अपना कब्जा जमा रखा है एक तरफ पहाड़ आधी से जायदा सड़क पर कब्जा करके बैठा है वहीं सड़क की दूसरी तरफ गहरी खाई काफी डराती है प्रशासन ने इसे डेंजर जो भी कहा है।

यात्रा के कई पड़ाव पर इस तरीके के नजारे आम है लेकिन जब आप जोशीमठ के नजदीक पहुंचते है तो समझ लीजिए आपको बड़ी ही सतर्कता से सफर पूरा करना है यहां यात्रा से पहले सरकार के लिए जोशीमठ भूस्खलन और पुनर्वास एक बड़ी चुनौती रहेगा। जोशीमठ में जगह-जगह पर सड़कें भूस्खलन की चपेट में है हालांकि फौरी तौर पर मिट्टी सीमेंट और पॉलिथीन से वैकल्पिक व्यवस्था जरूर बनाई गई है लेकिन जब भारी संख्या में यात्रियों का दबाव यहां बढ़ेगा तो ऐसे में प्रशासन के लिए व्यवस्था करना थोड़ा कठिनाइयों भरा हो सकता है।

उत्तराखंड में इस साल 22 अप्रैल के महीने से चारधाम यात्रा का आगाज होगा। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट अक्षया तृतीया के पावन पर्व पर 22 अप्रैल को खुलेंगे। पुरोहित महासभा व सचिव श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अनुसार यमुना जयंती चैत्र शुक्ल की षष्ठी तिथि के दिन शुभ मुहूर्त व समय तय किया जाएगा। इसके साथ ही केदारनाथ मंदिर के कपाट 26 अप्रैल को खोले जाएंगे। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि भी घोषित की जा चुकी है। इस वर्ष बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर खुलेंगे।

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