'पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना समाधान नहीं, हमें उनकी विचारधारा से लड़ना होगा', बोले IMUL नेता
Popular Front of India: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) पर निशाना साधते हुए मुनीर ने आरोप लगाया कि पार्टी की पीएफआई के साथ "समझ" है और इसे विधानसभा चुनावों के दौरान संगठन से समर्थन मिला। मुनीर ने कहा कि हम शुरू से ही इस बात को दोहराते रहे हैं कि पीएफआई जैसे संगठनों को वैध नहीं किया जाना चाहिए। हमने कई बार सीपीएम को बताया। ये सीपीएम है जिसका एराट्टुपेट्टा और फिर थालास्सेरी में पीएफआई के साथ राजनीतिक गठबंधन है।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया।
मुख्य बातें
- पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना कोई समाधान नहीं- आईयूएमल नेता
- पीएफआई की विचारधारा से लड़ने और उन्हें बेनकाब करने में सक्षम होना चाहिए- आईयूएमल नेता
- एनआईए समेत कई एजेंसियों ने देशभर से सैकड़ों पीएफआई कार्यकर्ताओं को किया है गिरफ्तार
Popular Front of India: इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (Indian Union Muslim League) के नेता एमके मुनीर ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई के बीच कहा कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना कोई समाधान नहीं है। इसके अलावा मुनीर ने कहा कि उनकी विचारधारा से लड़ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि चरमपंथी संगठन फिर से नहीं उठें।संबंधित खबरें
पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना कोई समाधान नहीं- आईयूएमल नेताराष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) समेत दूसरी जांच एजेंसियों ने देशभर से सैकड़ों पीएफआई (PFI) कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। केंद्र सरकार गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 35 के तहत पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है, इस पर मुनीर ने कहा कि पीएफआई को वैधता न देकर सामाजिक बहिष्कार और दरकिनार करना आगे का रास्ता है। साथ ही कहा कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना कोई समाधान नहीं है
'पीएफआई की विचारधारा से लड़ने और उन्हें बेनकाब करने में सक्षम होना चाहिए'उन्होंने कहा कि हम नहीं मानते कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना एक समाधान है। हमें उनकी विचारधारा से लड़ने और उन्हें बेनकाब करने में सक्षम होना चाहिए। प्रतिबंध लगाना कोई स्थायी समाधान नहीं है। अगर ऐसा था, जब आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया गया था, तो इसने उन्हें फिर से काम करने से नहीं रोका। ऐसे में ऐसे संगठनों का सामाजिक बहिष्कार करना ही एकमात्र विकल्प है। साथ ही कहा कि इन समूहों को कहीं भी वैधता नहीं मिलनी चाहिए।
वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) पर निशाना साधते हुए मुनीर ने आरोप लगाया कि पार्टी की पीएफआई के साथ "समझ" है और इसे विधानसभा चुनावों के दौरान संगठन से समर्थन मिला। मुनीर ने कहा कि हम शुरू से ही इस बात को दोहराते रहे हैं कि पीएफआई जैसे संगठनों को वैध नहीं किया जाना चाहिए। हमने कई बार सीपीएम को बताया। ये सीपीएम है जिसका एराट्टुपेट्टा और फिर थालास्सेरी में पीएफआई के साथ राजनीतिक गठबंधन है। संबंधित खबरें
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