Rakesh Tikait: पिछले किसान आंदोलन का चेहरा थे राकेश टिकैत, मौजूदा प्रदर्शन पर क्या है उनका रुख?

Rakesh Tikait: इस 'दिल्ली चलो' मार्च से करीब 200 किसान संगठन जुड़े हैं लेकिन राकेश टिकैत और उनका संगठन इस प्रदर्शन में नहीं दिख रहा है। मौजूदा किसान प्रदर्शन का नेतृत्व पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर और किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल कर रहे हैं।

किसान आंदोलन पार्ट-2 से अभी दूर हैं राकेश टिकैत।

Rakesh Tikait: किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं। दिल्ली के सिंघु, गाजीपुर, टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षाकर्मियों का भारी जमावड़ा है। हरियाणा के 15 जिलों में धारा 144 लागू है। किसान अपनी मांगों पर झुकने के लिए तैयार नहीं है। किसानों के रुख एवं उनकी तैयारी को देखते हुए लगता है कि वे इस बार भी लंबा धरना-प्रदर्शन के लिए दिल्ली की तरफ आए हैं। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का पिछला आंदोलन डेढ़ साल के करीब चला। इस आंदोलन का नेतृत्व किसान नेता राकेश टिकैत ने किया था। उनकी अगुवाई में चले इस आंदोलन के आगे सरकार को झुकना पड़ा और उसे अपने तीन कृषि कानून वापस लेने पड़े।

2020-21 के किसान आंदोलन का चेहरा थे राकेश टिकैत

इतने लंबे समय तक किसान आंदोलन को एकजुट रखने और उसे धार देने में राकेश टिकैत की मुख्य भूमिका रही। किसानों का प्रदर्शन इस बार भी बड़ा है और आने वाले दिनों में इसका आकार और बड़ा हो सकता है। इस 'दिल्ली चलो' मार्च से करीब 200 किसान संगठन जुड़े हैं लेकिन राकेश टिकैत और उनका संगठन इस प्रदर्शन में नहीं दिख रहा है। मौजूदा किसान प्रदर्शन का नेतृत्व पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर और किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल कर रहे हैं।

टिकैत ने कहा..तो हम भी आंदोलन में शामिल हो जाएंगे

टिकैत इस आंदोलन से सीधे तौर पर तो नहीं जुड़े हैं लेकिन आंदोलन को लेकर उनका बयान आया है। प्रदर्शनकारी किसानों पर सख्ती पर उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि सरकार यदि किसानों के लिए समस्या पैदा करेगी तो वह सामने आएंगे। उन्होंने कहा, 'देश में बहुत सारे किसान यूनियन हैं और सभी के अपने-अपने मुद्दे हैं। दिल्ली की तरफ मार्च करने वाले किसानों के खिलाफ सरकार यदि समस्या खड़ी करेगी तो वह दिन दूर नहीं जब हम भी आंदोलन में शामिल हो जाएंगे। हम उनका समर्थन करते हैं।'

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