भव्य राम मंदिर में पूरे देश की छंटा,चौखट में महाराष्ट्र की सागौन लकड़ी का इस्तेमाल

Ram Temple construction: आपके दिमाग में सवाल उठ रहा होगा कि राम मंदिर की चौखट में कहां कि लकड़ी का इस्तेमाल होगा। बता दें कि देश के इस राज्य से सागौन की लकड़ी अयोध्या भेजी जा रही है।

Ram Temple construction: भव्य राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में जोर शोर से हो रहा है। श्रीराम तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक जनवरी 2024 के आखिरी हफ्ते में श्रद्धालू आराध्य देव का दर्शन कर सकेंगे। मंदिर को भव्यतम रूप प्रदान करने के लिए कारीगर 24 घंटे काम कर रहे हैं। खास बात यह है कि निर्माण की प्रक्रिया में देश के सभी हिस्से कुछ ना कुछ योगदान कर रहे हैं। अब ऐसे में आपके मन में सवाल उठेगा कि किस राज्य से क्या लगने जा रहा है। बता दें कि मंदिर के चौखट में महाराष्ट्र से सागौन की लकड़ी का इस्तेमाल में लाया जाएगा। बीजेपी के कद्दावर नेता मुनगुंटीवार ने कहा कि हमें गर्व है कि मंदिर निर्माण के लिए महाराष्ट्र से सागौन की लकड़ी(teakwood from maharshtra) का उपयोग किया जाएगा। मंदिर के मुख्य द्वार को बनाने के लिए चंद्रपुर और गढ़चिरौली के जंगलों से उच्च गुणवत्ता वाली सागौन की लकड़ी का उपयोग किया जाएगा। इसका इस्तेमाल मंदिर में नक्काशी के लिए भी किया जाएगा।श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने महाराष्ट्र के वन विकास निगम को 1,800 क्यूबिक फीट सागौन की लकड़ी का ऑर्डर दिया है।

मुनगंटीवार, राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान कारसेवा में भाग लिया था। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने राम जन्मभूमि आंदोलन में भाग लेने के लिए अयोध्या का दौरा किया था। आज जब राम मंदिर बन रहा है तो राजस्थान से पत्थर मंगवाए गए हैं। महाराष्ट्र योगदान दे रहा है।देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान की सिफारिश के आधार पर चंद्रपुर और गढ़चिरौली की सागौन अपनी सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली लकड़ी के लिए जानी जाती है। सागौन की लकड़ी को मंदिर निर्माण के लिए चुना गया था। चूंकि यह एक नेक काम के लिए था हम उन्हें मुफ्त में देना चाहते थे। लेकिन ट्रस्ट भुगतान के जरिए इसे हासिल करने पर अड़ा रहा। इसलिए हमने उन्हें रियायती दर दी।

End Of Feed