'The Kerala Story' के रियल लाइफ पीड़ितों की जुबानी, जानिए उनका दर्द, क्या-क्या भोगा, देखें Video
धर्मनिरपेक्ष होने का मतलब क्या कट्टरपंथी जमातों को शातिर धर्मांतरण के कारनामों के लिए हरी झंडी दे देना है? जो गैंग द केरला स्टोरी को कल्पना बता रहा था, आज उसको जवाब मिला. जब धर्मांतरण के जिहादी इकोसिस्टम की शिकार हिंदू बेटियां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सामने आईं और आपबीती सुनाई।
द केरल स्टोरी (The Kerala Story) की कहानी जिस तरह लोगों के दिल और दिमाग को झकझोर रही है, उसी तरह से ये बॉक्स ऑफिस पर भी इसका जलवा कायम है, बुधवार यानी 17 मआ को 'द केरल स्टोरी' की टीम ने मुंबई (Mumbai) में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस PC में धर्मांतरण की शिकार लड़कियां मौजूद रही, इस दौरान पीड़ितों ने अपना दर्द बयां किया देखिए पूरी खबर ' न्यूज की पाठशाला' में..
द केरला स्टोरी को लेकर सियासत तेज है, अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर तमाशा करने वाले कुछ कथित सेक्युलर दल इसके खिलाफ आवाज बुलंद किए हुए हैं. तमिलनाडु के बाद पश्चिम बंगाल में भी द केरला स्टोरी को बैन कर दिया गया है. इस बीच सवाल ये पूछे जा रहे हैं कि क्या इस देश में हिंदू बेटियों के साथ हुई ज्यादतियों और जिहादी आउटफिट के खिलाफ बोलना गलत है?
एक फिल्म...हजार कहानियां... एक सच...कड़वा...कसैला और शर्मनाक...वो सच जिसे सुनने में वोटबैंक के फेरे फंसी कथित सेक्यलुरबाज पार्टियों के कानों में पिघला शीशा उतर जाता है...वो सच जो सिर्फ इसलिए गला फाड़ कर झूठ करार दिया जाता है..क्योंकि वोटबैंक खिसक जाएगा...वही सच जब एक फिल्म के जरिए सामने आया...तो कथित सेक्यलुरजीवियों की जीभ फड़फड़ाने लगी...और अभिव्यक्ति की आजादी पर गला फाड़ने वाले...छाती कूटने लगे...और फिल्म को बैन का पैंतरा तक आजमा लिया...किसी छद्म धर्मनिरपेक्ष ने कहा--केरल स्टोरी फ्रॉड है..किसी ने कहा...किसी ने कहा ये हिंदुत्ववादी है...तो किसी ने कहा ये नफरती एजेंडा है..
लेकिन जिहादी एजेंडे का शिकार हुई...सनातनी बेटियों ने मंच पर उतर उन सारे कथित सेक्युलरवादियों को जैसे करारा तमाचा जड़ दिया...फिल्म में तो तीन कैरेक्टर्स थे..जो जिहादी आउटफिट का शिकार हुए थे...यहां तो 26 हिंदू लड़कियां थीं...जिन्होंने ISIS जैसे इस्लामिक कट्टरपन के जहरीले ब्रेन वॉश का न सिर्फ शिकार हुईं...बल्कि जहन्नुम से लौटीं भी...
कितनी शातिर तरीके से हिंदू लड़कियों को कट्टरपंथी सिस्टम ने अपना शिकार बनाया..खुद केरल की रहने वाली डॉ अनघा ने बताया...अनघा की एक एक बात ...उनको इस्लाम में कन्वर्ट के लिए उठाया एक एक कदम...धूर्त...शातिर और फरेबी जिहादी आउटफिट को उघाड़ कर सबके सामने लगा देने वाला है, ठीक एक रणनीति के तहत, वो आपसे सवाल पूछेंगे, वो आपको कन्फ्यूजन में डाल देंगे..और उस कन्फूजिंग स्टेट में वो आपके धर्म की आलोचना करना शुरु कर देंगे...जैसे आपके भगवान..ठीक वैसे ही सवाल..तुम लोगों के इतने भगवान क्यों हैं? तुम एक पत्थर की पूजा क्यों कर रहे हो? बहुत सारे सवाल वो पूछना जारी रखेंगे..और चूंकि आप अपने धर्म को लेकर जागरुक नहीं हैं..कि क्यों हम ये सारी चीजों का अनुसरण करते हैं..चूंकि हम अपने धर्म के बारे में नहीं जानते..तो मैं उनके किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे पाउंगी..और जैसे शालिनी उन्नीकृष्णन चुप रह गई..उसी तरह मैं भी चुप हो गई...
विज्ञान की पढ़ाई करनेवाली एक स्टूडेंट...एक हिंदू लड़की जो रेशनली धर्म को समझना जानना चाहती थी...और उसकी इसी सोच का फायदा उसके साथ पढ़ने वाले कुछ शातिर कट्टरपंथी मजहबी लोगों ने उठाया जो उसके दोस्त बन कर आए थे...अनघा से पहले उनके धर्म बारे में चर्चाएं होतीं...और फिर हिंदू धर्म को देवताओं को कथित लॉजिकल एंड पर क्रिटसाइज किया जाता...धीरे-धीरे इस डॉक्टर हिंदू लड़की की पारिवारिक धार्मिक आस्था को खंडित करने का प्लान चलता रहा...और फिर ये हुआ...और मैंने महसूस किया...कि कुछ अपमानजनक विचार मेरे मन में आए..कि क्यों मैं ये सारी चीजें (धर्म के बारे में) नहीं जानती हूं..तो मैं अपने माता-पिता के पास आई..और मैंने उनसे उन्ही सवालों को पूछा..जो कि दोस्तों ने मुझसे पूछे थे..और उन्होंने कहा कि क्योंकि हमारे पूर्वज इसको करते रहे हैं..इसलिए हम भी वही कर रहे हैं..
जाहिर है ये मेरे लिए मानना मुश्किल था..इसलिए मैंने खोजना शुरु किया..मैंन सोशल मीडिया पर खोजा लेकिन मुझे कोई संतोषप्रद उत्तर नहीं मिला..क्योंकि श्लोक के अर्थ तो थे..लेकिन एक आम आदमी कैसे (धर्म को) समझे वो मुझे किसी भी स्त्रोत से नहीं मिला..और जैसा कि फिल्म में होता है..शालिनी के साथ..कि ठीक है अगर ये गलत है तो सही क्या है...और तब उन्होंने कहना शुरु किया कि सिर्फ अल्लाह ही भगवान है..अल्लाह के अलावा किसी को नहीं पूजना चाहिए..और अगर तुम अल्लाह के अलावा किसी की पूजा करती हो तो तुम्हें नर्क में डाल दिया जाएगा...ये पहले कदम है जो वो पेश करेंगे।
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