Independence Day 15 August, Desh Bhakti Geet Song in Hindi: 'आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की' गीत के है पूरे बोल जो कराता है हिन्दुस्तान की संस्कृति से रुबरु
Desh Bhakti Song Hindi Lyrics: देश के प्रति अपने प्रेम की भावनाओं को व्यक्त करने के लिए हमें जो अल्फाजों की जरुरत पड़ती है वो अल्फाज यह गीत 'आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की' बखूबी पूरी करती है।
Independence Day parade
वतन से मुहब्बत रखने वाले हर व्यक्ति के दिल में देशभक्ति भावना जीवित होती है। हर व्यक्ति चाहता है कि वो अपने मुल्क की तरक्की और वजूद को बनाए रखने के लिए कुछ न कुछ करे। इसी ख्वाहिश में आजादी के 7 साल बाद सत्येन बोस ने 1954 में फिल्म 'जागृति' बनाई। सत्येन का उद्देश्य बच्चों के दिल में देशभक्ति की भावना को जगाए रखना और आजादी के लिए हुए बलिदानों से उन्हें वाकिफ कराकर जाग्रित करना था। अपनी इस फिल्म में उन्होंने देश भक्ति के कई गीतों को जगह दी थी जिसमें से एक 'आओ बच्चो तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की' (aao bachchon tumhen dikhaaen jhaanki hindustaan ki) था। जो बच्चों को हिंदुस्तान की कला संस्कृति के ताने-बाने से रूबरू कराता है। पढ़े पूरा गीत और जानें उससे जुड़ी रोचक जानकारियां।
गाने के बारे में
बच्चों के दिल में देशप्रेम की भावना को जागृत करने के लिए 'आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की' के रचयिता प्रदीप ने खुद ही इस अलौलिक गीत को गाया है। हांलाकि इसे संगीत से सजाने का काम संगीतकार हेमंत कुमार ने किया है। इस गीत को सुनने के बाद बच्चें ही नही अपितु बड़े भी वतन की मुहब्बत में झुम उठते है। यह गीत अपने आप में पुरे देश की गौरव गाथा को शब्दों के माध्यम से एक तस्वीर के रुप में चित्रित करता है। यह देशभक्ति गीत हमारे मुल्क के शहीद वीर-जवानों की गौरव गाथा को भी व्यक्त करती हैं। तो आइये हम इस देशभक्ति संगीत को सुनते हैं।
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की Hindi Songs Lyrics
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम
उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है
दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है
जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है
बाट-बाट में हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है
देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती हैं बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम
ये हैं अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे
ये प्रताप का वतन पला है आज़ादी के नारों पे
कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मिनियाँ अंगारों पे
बोल रही है कण कण से क़ुर्बानी राजस्थान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम
देखो मुल्क मराठों का यह यहां शिवाजी डोला था
मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था
हर पर्वत पे आग जली थी हर पत्थर एक शोला था
बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था
शेर शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम
जलियाँवाला बाग ये देखो यहीं चली थी गोलियां
ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियां
एक तरफ़ बंदूकें दन दन एक तरफ़ थी टोलियां
मरनेवाले बोल रहे थे इंक़लाब की बोलियां
यहां लगा दी बहनों ने भी बाजी अपनी जान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम
ये देखो बंगाल यहां का हर चप्पा हरियाला है
यहां का बच्चा-बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है
ढाला है इसको बिजली ने भूचालों ने पाला है
मुट्ठी में तूफ़ान बंधा है और प्राण में ज्वाला है
जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम
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