India Aging Report 2023 का हुआ विमोचन, कहा-'बुजुर्गों की बढ़ती आबादी के समग्र कल्याण के लिए जन-सहभागिता जरुरी'
India Aging Report 2023 Released: इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023, सौरभ गर्ग, सचिव, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (भारत सरकार) और सुश्री एंड्रिया एम. वोज्नार, यूएनएफपीए भारत प्रतिनिधि और निदेशक भूटान द्वारा संयुक्त रूप से विमोचन किया गया।
इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 का विमोचन
India Aging Report 2023 News: 27 सितंबर को यूएनएफपीए इंडिया ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (IIPS) के सहयोग से बहुप्रतीक्षित "इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023" (India Aging Report 2023) का विमोचन किया। इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023, रिपोर्ट भारत में बुजुर्गों की देखभाल से जुड़ी चुनौतियों, अवसरों और संस्थागत कार्यों पर प्रकाश डालती है, क्योंकि भारत जनसांख्यिकीय बदलाव की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023, भारत में बुजुर्ग व्यक्तियों की जीवन की परिस्थितियों और कल्याण की गहन समीक्षा की की गयी है। यह रिपोर्ट, भारत में लॉन्गिट्यूडिनल एजिंग सर्वे (LASI), 2017-18, भारत की जनगणना, भारत सरकार द्वारा जनसंख्या अनुमान (2011-2036) और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और विश्व जनसंख्या संभावना 2022 से उपलब्ध नवीनतम आकड़ों पर आधारित है। वास्तविक आकड़ो पर आधारित इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023, भारतीय बुजुर्गों के सामाजिक और आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करते हुए इससे जुड़े सभी हितधारकों की भूमिका को रेखांकित करती हैं।
इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 के विश्लेषण से बुजुर्गों के कल्याण से संबंधित प्रमुख निष्कर्ष-
● वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जेरियाट्रिक केयर में ट्रेण्ड मैनपावर की आवश्यकता।
● बुजुर्ग आबादी के स्वास्थ्य, वित्तीय सशक्तिकरण और क्षमता निर्माण से संबंधित कई सरकारी योजनाएं और नीतियां हैं जिनके और बेहतर क्रियान्वयन की आवश्यकता।
● समुदाय-आधारित संगठनो द्वारा कंप्यूटर और इंटरनेट उपयोग सत्रों के माध्यम से बुजुर्गो के डिजिटल सशक्तिकरण की आवश्यकता।
● बुजुर्गों के कल्याण के लिए नीतियों को आकार देने के लिए समर्पित मंत्रिस्तरीय समितियाँ।
● सामाजिक सहायता, वृद्धाश्रम और बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार इत्यादि पर जागरूकता अभियानों के लिए कॉर्पोरेट प्रयास।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (सरकारी) के सचिव, सौरभ गर्ग ने कहा, "जैसे-जैसे भारतीयों की जीवन प्रत्याशा बढ़ रही है, वैसे-वैसे यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हमारी बुजुर्ग आबादी को स्वस्थ, सम्मानजनक और पूर्ण जीवन जीने के लिए आवश्यक देखभाल और सहायता मिले।" मैं यूएनएफपीए इंडिया की टीम को इस शोध पर रिपोर्ट के लिए बधाई देता हूँ साथ ही मैं सभी हितधारकों से इसकी सिफारिशों को लागू करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह करता हूं।"
यूएनएफपीए के भारत प्रतिनिधि और भूटान के कंट्री डायरेक्टर एंड्रिया एम. वोज्नार ने टिप्पणी की, "यह रिपोर्ट नीति निर्माताओं, सामाजिक संस्थाओं, सरकार और प्रबंधकों और बुजुर्गों की देखभाल में शामिल सभी हितधारकों के लिए एक मूल्यवान संसाधन है। वृद्ध व्यक्तियों ने समाज और देश के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए हमें हमारे सर्वोत्तम प्रयास करने होंगे।"
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