LAC से आई खुशखबरी: चीन ने हटाए अपने तंबू, भारत ने भी सैनिकों को वापस बुलाया
India China Border Disengagement: रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार,पूर्वी लद्दाख सेक्टर के डेमचॉकक और देपसांग में टकराव वाले बिंदुओं से भारत और चीन सेना के बाद डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया शुरू हो गई है।

पूर्वी लद्दाख से भारत-चीन सैनिकों की वापसी शुरू।
India China Border Disengagement: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चले आ रहा सीमा विवाद सुलझना शुरू हो गया है। दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के बाद भारत और चीन ने अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है। रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार,पूर्वी लद्दाख सेक्टर के डेमचॉकक और देपसांग में टकराव वाले बिंदुओं से भारत और चीन सेना के बाद डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया शुरू हो गई है।
भारतीय रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया कि दोनों पक्षों के बीच हुए समझौतों के अनुसार, भारतीय सैनिकों ने संबंधित क्षेत्रों में पीछे के स्थानों पर उपकरणों को वापस लेना शुरू कर दिया है। सूत्रों की मानें तो दोनों सेनाओं ने एक टेंट व कुछ अस्थाई ढांचे को हटा लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि दोनों पक्षों पर लगभग 10-12 अस्थायी ढांचे और लगभग 12 टेंट हैं, जिन्हें हटाया जाना तय है।
40% टेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर हटे
जानकारी के मुताबिक, एलएसी पर डेमचोक और देपसांग में दोनों तरफ से 40% टेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर हटा दिए गए हैं। गुरुवार रात तक 40% काम हो गया था, सभी टेंट और अस्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर हटा दिए जाने के बाद संयुक्त सत्यापन किया जाएगा। दोनों तरफ से भौतिक और हवाई सत्यापन किया जाएगा, अभी विश्वास के आधार पर काम हो रहा है। अभी तक गलवान समेत चार बफर जोन पर कोई चर्चा नहीं हुई है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर डिसइंगेजमेंट शुरू हो गया है। डेमचोक में भारतीय सैनिक चारडिंग नाला के पश्चिम की ओर पीछे हट रहे हैं और चीनी सैनिक नाला के दूसरी तरफ यानी पूर्व की ओर पीछे हट रहे हैं। दोनों तरफ करीब 10-12 अस्थायी ढांचे बनाए गए हैं और दोनों तरफ करीब 12-12 टेंट लगाए गए हैं, जिन्हें हटाया जाना है।
जमीनी स्थिति बहाल करने पर बनी सहमति
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को बताया था कि भारत और चीन के बीच वार्ता के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जमीनी स्थिति बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बन गयी है, जिसमें पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और मवेशियों को चराने की अनुमति देना भी शामिल है। उन्होंने कहा, भारत और चीन एलएसी के साथ कुछ क्षेत्रों में मतभेदों को सुलझाने के लिए सैन्य और कूटनीतिक, दोनों स्तर पर बातचीत कर रहे हैं। वार्ता के बाद, समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांत के आधार पर जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बन गई है। इसमें गश्त करना, पारंपरिक क्षेत्रों में मवेशियों को चराने की अनुमति देना भी शामिल है। यह निरंतर बातचीत करने से संभव हुआ है, देर-सवेर समाधान निकल ही जाएगा।
चार साल से चल रहा था सैन्य गतिरोध
बता दें, भारत और चीन के बीच चार साल से अधिक समय से सैन्य गतिरोध चल रहा था। भारत ने सोमवार को घोषणा की कि वह पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त करने को लेकर चीन के साथ एक समझौते पर पहुंच गया है। समझा जाता है कि इस समझौते से देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त शुरू होगी, क्योंकि इन दोनों स्थानों पर कई बड़े अनसुलझे मुद्दे थे।
इनपुट - शिवानी मिश्रा
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