18 बार बैठक के बाद भी नहीं खत्म हुआ गतिरोध, भारत-चीन के बीच 19वें दौर की बातचीत आज

India-China 19th Round of Corps Commander Talks: 19वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के अगले चरण में पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को शीघ्र पीछे हटाने पर भारत जोर देने वाला है। इससे पहले 18वें दौर की वार्ता में भी भारत ने चीन के ऊपर दबाव बनाया था।

India-China Border issue

भारत-चीन के बीच 19वें दौर की वार्ता आज

तस्वीर साभार : भाषा

India-China 19th Round of Corps Commander Talks: भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को हल करने के लिए आज दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच 19वें दौर की बातचीत होगी। इससे पहले दोनों देशों के बीच 18 बार सैन्य स्तरीय बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन सीमा विवाद का मुद्दा सुलझ नहीं सका है। सूत्रों के मुताबिक, 19वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के अगले चरण में पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को शीघ्र पीछे हटाने पर भारत जोर देने वाला है।

सूत्रों ने बताया कि वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने की मांग करने जा रहा है। पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ खास स्थानों पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से गतिरोध कायम है, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक एवं सैन्य वार्ताओं के बाद कई इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।

18वें दौर की वार्ता में भारत ने बनाया था दबाव

सैन्य वार्ता के 18वें चरण में भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों के समाधान के लिए चीन पर दबाव बनाया था। यह वार्ता 23 अप्रैल को हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, अगले दौर की वार्ता सीमा पर भारत की ओर स्थित चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक स्थल पर होने वाली है। वार्ता में लेह मुख्यालय वाली 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशीम बाली के भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की संभावना है। वहीं, चीनी टीम का नेतृत्व दक्षिण शिंजियांग सैन्य जिले के कमांडर द्वारा किए जाने की उम्मीद है।

पीएम मोदी और चिनफिंग की मुलाकात में भी उठा था मुद्दा

पिछले महीने, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले साल जी-20 के बाली शिखर सम्मेलन में एक रात्रिभोज के दौरान द्विपक्षीय संबंध स्थिर करने की जरूरत को रेखांकित किया था। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने पांच देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) के समूह ब्रिक्स की जोहानिसबर्ग में 24 जुलाई को हुई एक बैठक से इतर शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी से मुलाकात की थी। बैठक पर अपने बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि डोभाल ने यह अवगत कराया कि 2020 से भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति से सामरिक विश्वास का क्षरण हुआ है तथा संबंध कमजोर हुए हैं। बता दें, पैंगोंग झील क्षेत्र में एक हिंसक झड़प के बाद, पूर्वी लद्दाख सीमा पर पांच मई 2020 को गतिरोध पैदा हुआ था। गलवान घाटी में जून 2020 में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के संबंध और भी प्रभावित हुए थे।

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