Tawang में भिड़े भारतीय-चीनी फौजीः हथौड़े साथ लाए थे PLA के जवान, झड़प के बाद आर्मी ने रोका! 2020 के बाद यह पहली बड़ी गुत्थम-गुत्थी

India-China clash in Tawang Sector: इंडियन आर्मी की ओर से हालिया झड़प के बारे में बताया गया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी के पास एक जगह नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें ‘‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए थे।’’ हालांकि, किस पक्ष के कितने जवान जख्मी हुए? यह फिलहाल साफ नहीं किया गया है।

India-China clash in Tawang Sector: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में जिस जगह भारत और चीन के फौजियों के बीच झड़प हुई थी, वहां पर भारतीय सैनिकों की संख्या में इजाफा किया जा रहा है। मंगलवार (13 दिसंबर, 2022) को यह जानकारी देते हुए हमारी रिपोर्टर शिवानी शर्मा ने बताया कि घटना के दौरान पीएलएल (पीपल्स लिब्रेशन आर्मी - चीनी सेना) के जवान अपने साथ हथौड़े लेकर आए थे। भारतीय सैनिकों से गुत्थम-गुत्थी के बाद लगभग एक दर्जन से ज्यादा चीनी जवानों को भारतीय सेना ने बैठा कर रखा। बाद में स्थानीय कमांडर के बीच फ्लैग मीटिंग हुई, जिसके बाद उन्हें छोड़ा गया था। बताया गया कि तवांग में बीते हफ्ते से दोनों मुल्कों के बीच तनाव बढ़ रहा था। सुरक्षा के लिहाज से पूरी परिस्थिति को देखते हुए आर्मी ने इस इलाके में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती भी कर रखी थी।
यह मामला नौ दिसंबर, 2022 का है। तवांग सेक्टर में एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के पास इस झड़प में ‘‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।’’ सोमवार (12 दिसंबर, 2022) को इस बारे में भारतीय थलसेना की ओर से बयान जारी किया गया। बताया गया, ‘‘चीनी सैनिकों के साथ तवांग सेक्टर में एलएसी पर नौ दिसंबर को झड़प हुई। हमारे सैनिकों ने चीनी सैनिकों का दृढ़ता से सामना किया। इस झड़प में दोनों पक्षों के कुछ जवानों को मामूली चोटें आईं। दोनों पक्ष तत्काल क्षेत्र से पीछे हट गए। इसके बाद हमारे कमांडर ने स्थापित तंत्रों के अनुरूप शांति बहाल करने के लिए चीनी समकक्ष के साथ ‘फ्लैग बैठक’ की थी।’’
सेना ने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी से सटे अपने दावे वाले कुछ क्षेत्रों में दोनों पक्ष गश्त करते हैं। यह सिलसिला 2006 से जारी है।’’ वैसे, आर्मी की ओर से यह साफ नहीं किया गया कि वहां उस दौरान कितने सैनिक थे और वाकये के समय घायल हुए कितने जख्मी हुए। इस बीच, सूत्र की तरफ से समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को ऐसा संकेत दिया गया कि इसमें 200 से अधिक चीनी सैनिक शामिल थे।वे वे डंडे-लाठियां लिए थे और चीनी पक्ष की ओर घायलों की संख्या अधिक हो सकती हैं। पर इस बारे में कोई आधिकारिक बयान या पुष्टि नहीं की गई है।
दरअसल, पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से सीमा गतिरोध जारी है। इसी बीच, पिछले शुक्रवार को संवेदनशील क्षेत्र में एलएसी (लाइन ऑफ एक्जुअल कंट्रोल) पर यांग्त्से के पास झड़प हुई थी। पूर्वी लद्दाख में रिनचेन ला के पास अगस्त 2020 के बाद से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच यह पहली बड़ी झड़प है। भारत-चीन के जवानों में पिछले साल अक्टूबर में भी यांग्त्से के पास संक्षिप्त टकराव हुआ था। स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद इसे सुलझा लिया गया था।
जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी तल्खी आ गई थी। दोनों पक्षों ने एलएसी पर धीरे-धीरे हजारों सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती कर दी। पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद, भारतीय सेना ने पूर्वी थिएटर में एलएसी पर अपनी अभियानगत क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है। पूर्वी थिएटर में बड़े पैमाने पर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी से लगते सीमावर्ती क्षेत्र शामिल हैं तथा सीमांत क्षेत्रों में तवांग और उत्तरी सिक्किम क्षेत्र सहित कई संवेदनशील अग्रिम स्थान हैं। पांच मई, 2020 को शुरू हुए पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद भारत लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी के निकट बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी ला रहा है। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)
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अभिषेक गुप्ता author

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