India China Meeting: भारत-चीन के बीच लोकल कमांडर्स की बैठक, LAC पर आपसी कम्युनिकेशन पर जोर

​2020 में भारत और चीन की सीमा पर लद्दाख के गलवान में 2020 में खूनी संघर्ष को 3 साल का वक्त पूरा हो रहा है, ऐसे में भारत की कोशिश है कि सीमा पर खासतौर पर उन बिंदुओं पर जहां भारत और चीन की सेनाएं बिल्कुल आमने-सामने है, शांति और नियंत्रण बना रहे इसके लिए भारतीय सेना के टॉप कमांडर लगातार चीन के कमांडर्स से संपर्क में रहते हैं।

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भारत और चीन के बीच के बीच तनाव कम करने किए बैठक

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल
मुख्य बातें
  • भारत चीन के बीच शांति बहाली के लिए बैठक
  • लोकल कमांडर्स के बीच हुई बैठक
  • दोनों देशों के ब्रिगेडियर रैंक के सैन्य अधिकारी हुए शामिल

मंगलवार को भारत और चीन के बीच नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के लोकल कमांडर्स ने बैठक की। यह बैठक एलएसी के नजदीक दोनों देशों के ब्रिगेडियर रैंक के सैन्य अधिकारियों के बीच हुई। गौरतलब है कि इस तरह की बैठकें समय-समय पर होती रहती हैं ताकि एलएसी पर बने हुए फ्रिक्शन पॉइंट्स पर तनाव की स्थिति पैदा ना हो।

शांति बहाल रखने पर जोर

सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को होने वाली बैठक में एलएसी पर शांति बनाए रखने और मौजूदा प्रोटोकॉल्स फॉलो करने पर जोर दिया गया। भारत और चीन के बीच अब तक अट्ठारह दौर की कमांडर लेवल टॉक हो चुकी है। जिसमें दोनों देशों के कोर कमांडर शामिल होते आए हैं, ऐसी पिछली बैठक 23 अप्रैल को मोल्डो में हुई थी, जिसके बाद एक ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया गया। स्टेटमेंट में यह जानकारी दी गई थी कि दोनों ही देशों के बीच इस मसले को सुलझाने के लिए दोनों देशों की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं।

गलवान संघर्ष का तीन साल पूरा!

2020 में भारत और चीन की सीमा पर लद्दाख के गलवान में 2020 में खूनी संघर्ष को 3 साल का वक्त पूरा हो रहा है, ऐसे में भारत की कोशिश है कि सीमा पर खासतौर पर उन बिंदुओं पर जहां भारत और चीन की सेनाएं बिल्कुल आमने-सामने है, शांति और नियंत्रण बना रहे इसके लिए भारतीय सेना के टॉप कमांडर लगातार चीन के कमांडर्स से संपर्क में रहते हैं, कई बार हॉट लाइंस के जरिए कमांडर्स की बातचीत होती है और समय-समय पर बॉर्डर मीटिंग पॉइंट्स पर इन कमांडर्स की मुलाकातें भी जारी रहती हैं।

राजनाथ सिंह ने उठाया था LAC का मुद्दा

अप्रैल में दिल्ली में हुए रक्षा मंत्रियों के SCO समिट मे भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री ली शांग फ़ू से मुलाकात की थी, इस मुलाकात में भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एलएसी का मुद्दा उठाया था भारत में लगातार बातचीत के जरिए इस पूरे मसले के हल पर जोर दिया है। सितंबर 2022 में कमांडर लेवल टॉक्स के बाद पीपी 15 के इलाके से (जिसे गोगरा हॉटस्प्रिंग भी कहा जाता है) भारत और चीन की सेनाओं का डिसएंगेजमेंट हुआ था, जिसके बाद दिसंबर के महीने में तवांग में चीन की सेना की नापाक घुसपैठ के बाद LAC पर तनातनी बढ़ने के संकेत मिले थे।

भारत लगातार बढ़ा रही सीमा पर अपनी ताकत

भारत ने गलवान संघर्ष के बाद से अब तक पूर्वी लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, उत्तरी सिक्किम समेत एलएसी के नजदीक अपनी तैनाती कई गुना बढ़ाई है। LAC पर हर तरह के हथियारों को भी भारत चीन की सीमा के नजदीक डिप्लोई किया है, ताकि किसी भी तरह की स्थिति में भारतीय सेना तैयार रहे। युद्ध के लिए तैयार रहने के साथ-साथ भारत के की पहली कोशिश बातचीत के जरिए समाधान निकालने की रही है, इसी वजह से न सिर्फ डिप्लोमेटिक लेवल पर बल्कि कमांडर्स और लोकल कमांडर्स के स्तर पर भी लगातार बातचीत पर जोर दिया जाता रहा है।

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शिवानी शर्मा author

19 सालों के पत्रकारिता के अपने अनुभव में मैंने राजनीति, सामाजिक सरोकार और रक्षा से जुड़े पहलुओं पर काम किया है। सीमाओं पर देश के वीरों का शौर्य, आत्मन...और देखें

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