चीनी सीमा पर पहले कभी नहीं था 'ऐसा हाल', PM मोदी के कहने पर आगे गई आर्मी- बोले जयशंकर, ओवैसी ने घेरा- पारदर्शी नहीं सरकार

India China Face-off in Tawang: दरअसल, कांग्रेस के राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि सरकार इस तथ्य को छिपा रही कि चीन ने एलएसी से लगे भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण किया है, जबकि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में झड़प हुई थी। यह घटना पूर्वी लद्दाख में 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच हुई।

India China Face-off in Tawang: चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से गई नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना को सिर से खारिज किया है। उन्होंने साफ कहा है कि हिंदुस्तानी सेना चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘‘एकतरफा’’ तरीके से यथास्थिति नहीं बदलने देगी। सेना की तैनाती प्रधानमंत्री के आदेश पर की गई और सेना सीमावर्ती क्षेत्र में इसलिए नहीं गई कि गांधी ने इसके लिए उनसे कहा था।

राहुल के आरोपों पर क्या बोले विदेश मंत्री?सोमवार (19 दिसंबर, 2022) को ‘इंडिया टुडे’ मैग्जीन के ‘इंडिया-जापान कॉन्क्लेव’ में उन्होंने यह भी दावा किया, ‘‘आज चीन की सीमा पर भारतीय सेना की तैनाती है, जो पहले कभी नहीं थी। ऐसा चीन की ओर से सेना की तैनाती का मुकाबला करने के लिए किया गया है, जिसे 2020 के बाद से बड़े पैमाने पर बढ़ाया गया है।’’आगे गांधी के आरोपों पर वह दो टूक बोले, ‘‘अगर हम इनकार करते तो वहां सेना कैसे है? सेना वहां इसलिए नहीं गई कि राहुल गांधी ने उन्हें जाने के लिए कहा था। सेना इसलिए वहां गई, क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री ने उन्हें जाने का आदेश दिया।’’

केजरीवाल के प्रहार पर इस तरह किया पलटवारदिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की ओर से सीमा विवाद के बावजूद चीन के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए सरकार की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा, ‘‘जब कोई कहता है कि चीन से आयात क्यों हो रहा है, तो यह इसलिए हो रहा है क्योंकि 30 साल तक आपने अपने उद्योग को उस तरह का सहयोग और संरक्षण नहीं दिया, जैसा आपको मिलना चाहिए था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हाल के वर्षों में आपने इसे करना शुरू किया है। आपने जो 30 वर्षों में किया है, उसे आप पांच या 10 वर्षों में नहीं बदल सकते।’’

पारदर्शी नहीं सरकार, बोल रही आधा सच- ओवैसी

इस बीच, ऑल इंडिया मज्लिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ताजा को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा और सरकार से इस मुद्दे पर संसद में बहस कराने की अनुमति देने की मांग की। हैदराबाद से सांसद ने ओवैसी ने आरोप लगाया कि सरकार इस मुद्दे को लेकर पारदर्शी नहीं है। पत्रकारों से वह बोले, “हम सरकार से लगातार संसद में बहस कराने का अनुरोध और मांग कर रहे हैं। लेकिन जब एलएसी की स्थिति की बात आती है तो मोदी सरकार पारदर्शिता नहीं दिखाती। वे आधा सच बोल रहे हैं, भ्रामक तथ्य पेश कर रहे हैं।”

'चिनफिंग से सीमा मुद्दे पर हुई भी थी पीएम की बात?'उधर, कांग्रेस के सीनियर नेता नेता पी.चिदंबरम ने संसद के उच्च सदन राज्यसभा में कहा, ‘‘हम जानते हैं कि पूर्वोत्तर सीमा पर खतरा कौन है? क्या चीन ने ‘हाट स्प्रिंग’ के बारे में कोई सहमति जताई है? क्या चीनी पक्ष ने डोकलाम जंक्शन और डेबचाम मैदान पर विवाद बिन्दुओं को लेकर चर्चा पर सहमति जतायी है? आप कई बफर जोन बना रहे हैं। बफर जोन वह क्षेत्र हैं जहां किसी देश की सेना गश्त नहीं करती।’’ वह आगे बोले कि उन्होंने एक वीडियो में देखा कि पीएम बाली में चीनी राष्ट्रपति से हाथ मिला रहे हैं। उनसे बातचीत कर रहे हैं। वीडियो में चिनफिंग कुछ बोलते नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने जानना चाहा कि क्या उस बातचीत में चिनफिंग से सीमा मुद्दे पर भी कोई बातचीत हुई थी?

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अभिषेक गुप्ता author

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