Kailash Mansarovar Yatra: भारत, चीन कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर सहमत, सीधी उड़ानों पर भी सहमति

Kailash Mansarovar Yatra Resume: भारत और चीन ने 2025 में कैलाश मानसरोवर यात्रा और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है, जो नई दिल्ली और बीजिंग के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।

Kailash Mansarovar Yatra

भारत, चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला किया

मुख्य बातें
  • दोनों पक्ष 2025 की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर सहमत
  • नई दिल्ली और बीजिंग ने सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई
  • साल 2020 से बंद थी कैलाश मानसरोवर यात्रा जिसे लेकर अब ये बड़ी खबर सामने आई

Kailash Mansarovar Yatra Resume: द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से भारत और चीन ने 2020 से बंद कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra 2025) को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी और चीनी विदेश मंत्री मंत्री वांग यी के बीच बैठक के दौरान नई दिल्ली और बीजिंग ने सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई गई।

'इस संदर्भ में, दोनों पक्षों ने 2025 की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला किया; संबंधित तंत्र मौजूदा समझौतों के अनुसार ऐसा करने के तौर-तरीकों पर चर्चा करेगा। वे भारत-चीन विशेषज्ञ समिति की जल्द बैठक आयोजित करने पर भी सहमत हुए।' विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'सीमा पार की नदियों से संबंधित जल विज्ञान संबंधी आंकड़ों के प्रावधान और अन्य सहयोग को फिर से शुरू करने पर चर्चा के लिए उच्च स्तरीय तंत्र की स्थापना की जाएगी।'

गौर हो कि विक्रम मिसरी भारत और चीन के बीच विदेश सचिव-उपमंत्री तंत्र की बैठक के लिए बीजिंग की दो दिवसीय यात्रा पर थे। अक्टूबर में रूस के कजान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुए समझौतों के अनुरूप इस बैठक में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने पर सहमति व्यक्त की।

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बैठक के दौरान, दोनों राष्ट्रों ने मीडिया और थिंक टैंक के बीच बातचीत सहित लोगों के बीच परिवर्तन को बढ़ावा देने और सुविधाजनक बनाने के लिए उचित कदम उठाने पर भी सहमति व्यक्त की।

भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ

'दोनों पक्ष मानते हैं कि 2025, जो भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ है, का उपयोग एक-दूसरे के बारे में बेहतर जागरूकता पैदा करने और जनता के बीच आपसी विश्वास और भरोसा बहाल करने के लिए सार्वजनिक कूटनीति प्रयासों को दोगुना करने के लिए किया जाना चाहिए।' विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया है, 'दोनों पक्ष इस वर्षगांठ के उपलक्ष्य में कई स्मारक गतिविधियां आयोजित करेंगे।'

चर्चा में कार्यात्मक आदान-प्रदान भी शामिल था

चर्चा में कार्यात्मक आदान-प्रदान भी शामिल था, जिसमें आर्थिक और व्यापार मुद्दों जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर धीरे-धीरे बातचीत पुनः शुरू करने पर सहमति बनी, जिसका उद्देश्य नीति पारदर्शिता और दीर्घकालिक स्थिरता को बढ़ावा देना है।

अक्टूबर 2024 में सैनिकों की वापसी के बाद, दोनों पक्ष साप्ताहिक गश्त करने पर सहमत

दोनों देशों के बीच यह प्रगति लद्दाख के दो टकराव बिंदुओं देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी पूरी होने के कुछ महीने बाद हुई है। अक्टूबर 2024 में सैनिकों की वापसी के बाद, दोनों पक्ष साप्ताहिक गश्त करने पर सहमत हुए और गश्त का पहला दौर पिछले साल नवंबर में पूरा हुआ।

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रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

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