शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान आया सामने, कहा- इसके अलावा मुझे...
Sheikh Hasina Extradition Case: बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के मामले को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय का शुक्रवार को बड़ा बयान सामने आया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा कि हमने पुष्टि की है कि हमें शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर बांग्लादेश का अनुरोध प्राप्त हुआ है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (फोटो साभार: @MEAIndia)
Sheikh Hasina Extradition Case: बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के मामले को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय का शुक्रवार को बड़ा बयान सामने आया। विदेश मंत्रालय ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान इस बात की पुष्टि की कि भारत को बांग्लादेश की तरफ से शेख हसीना के प्रत्यर्पण का नोट मिला है।
MEA ने क्या कुछ कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा कि हमने पुष्टि की है कि हमें शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर बांग्लादेश का अनुरोध प्राप्त हुआ है। इसके अलावा मुझे और कुछ नहीं कहना है।
मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के विदेश मंत्रालय को एक राजनयिक नोट भेजकर शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की।
क्या है पूरा मामला?
77 वर्षीय शेख हसीना छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश छोड़कर 5 अगस्त से भारत आ गई थीं और इसी के साथ उनका 16 साल का शासन समाप्त हो गया। मौजूदा समय में शेख हसीना अपने शासनकाल में हुई मौतों से संबंधित कई अदालती मामलों का सामना कर रही हैं जिसमें मानवता के खिलाफ अपराध के भी आरोप शामिल हैं।
बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने शेख हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य और नागरिक आधिकारियों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।
अल्पसंख्यकों की गिरफ्तारी का भी किया जिक्र
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की गिरफ्तारी के विषय पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश में गिरफ्तार किए गए लोगों को निष्पक्ष सुनवाई का मौका मिलना चाहिए और यही हमारी अपील है।
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हाल ही में चटगांव की एक अदालत ने गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच हुई सुनवाई के बाद इस्कॉन के पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास को जमानत देने से इनकार कर दिया। मेट्रोपॉलिटन पब्लिक प्रॉसिक्यूटर एडवोकेट मोफिजुर हक भुइयां के मुताबिक, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मेट्रोपॉलिटन सेशन जज मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
गौरतलब है कि सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता और इस्कॉन के पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास को पिछले साल 25 नवंबर को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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अनुराग गुप्ता author
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