मेक इन इंडिया नहीं 'Make For The World' की तरफ बढ़ रहा भारत, 10 गुना बढ़ा रक्षा निर्यात

Defense Exports: बढ़ते रक्षा निर्यात के बीच अब भारत अफ्रीका को भी नए हथियार बेचेगा। फिलिपींस, अरब समेत 85 देशों से डिफेंस डील्स के साथ भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट में 10 गुना इजाफा हुआ है।

Defense Exports India

भारत का रक्षा निर्यात 10 गुना बढ़ा

India's Defense Exports: भारत ने पिछले 6 सालों में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की बड़ी छलांग लगाई है। 2016-17 से रक्षा निर्यात लगभग अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह निर्यात 16,000 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है, जो 2016-17 से 10 गुना से ज्यादा है। भारत 85 से अधिक देशों को अलग-अलग तरह के हथियार और इक्विपमेंट निर्यात करता है। आंकड़ों की बात करें तो 2016-17 में कुल निर्यात 1,521 करोड़ रुपये था।

ऐसे टूटा पिछले 6 सालों का रिकॉर्ड

  • 2017-18 में ये 4,682 करोड़ रुपये का निर्यात
  • 2018-19 में ये 10,745 करोड़ का निर्यात
  • 2019-20 में 9,115 करोड़ का निर्यात
  • 2020-21 में ये 8,434 करोड़ का निर्यात
  • 2021-22 में 12,814 करोड़ का निर्यात
  • 2022-23 में रक्षा निर्यात 15,920 रुपये तक पहुंचा

आसान बनाई गई निर्यात नीतिभारत अब 85 से अधिक देशों को निर्यात कर रहा है। भारतीय उद्योग ने वर्तमान में रक्षा उत्पादों का निर्यात करने वाली 100 फर्मों के साथ डिजाइन और विकास की अपनी क्षमता दुनिया को दिखाया है। एयरो इंडिया 2023 में 104 देशों की भागीदारी नए भारत की बढ़ती हुई निर्माण क्षमताओं का प्रमाण है।

कौन-कौन से हथियारों का हो रहा है निर्यातभारत, जो लगभग आठ साल पहले एक आयातक के रूप में जाना जाता था। आज डॉर्नियर-228, 155 मिमी एडवांस्ड टोएड आर्टिलरी गन्स (एटीएजी), ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश मिसाइल सिस्टम, रडार, सिमुलेटर, माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल, आर्मर्ड व्हीकल जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म का निर्यात करता है। पिनाका रॉकेट और लॉन्चर, गोला-बारूद, थर्मल इमेजर्स, बॉडी आर्मर्स, सिस्टम के अलावा, लाइन रिप्लेसेबल यूनिट्स और एविओनिक्स और स्मॉल आर्म्स के पुर्जे और घटक निर्यात कर रहा है। एलसीए-तेजस, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर, एयरक्राफ्ट कैरियर, एमआरओ गतिविधियों आदि की वैश्विक मांग बढ़ रही है।

फिलीपींस को निर्यात की ब्रह्मोस मिसाइलभारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल निर्यात की है और जल्दी यूएई समेत कई दूसरे देश भी भारत से ब्रह्मोस ले सकते हैं। वहीं एलसीए तेजस को लेकर भी कई देशों ने रुचि दिखाई है। पुणे में मार्च में हुए अफ्रीका और भारत के बीच युद्धाभ्यास के दौरान भी अफ्रीकी देशों के सेना प्रमुखों ने भारत के डिफेंस सिस्टम्स आर्मर्ड साइकिल्स वही कलर्स समेत कई तरह के हथियारों में अपनी रुचि दिखाई है और इसी वजह से भारत ने अफ्रीकी संघ के 42 देशों को करीब 14 अरब डॉलर की ऋण सुविधा दी है। माना जा रहा है कि आने वाले 2 सालों में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट और ज्यादा बढ़ेगी। भारत सिर्फ मेक इन इंडिया ही नहीं मेक फॉर द वर्ल्ड की राह पर तेजी से चल पड़ा है।

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शिवानी शर्मा author

19 सालों के पत्रकारिता के अपने अनुभव में मैंने राजनीति, सामाजिक सरोकार और रक्षा से जुड़े पहलुओं पर काम किया है। सीमाओं पर देश के वीरों का शौर्य, आत्मन...और देखें

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