समुद्री लुटेरों की अब खैर नहीं, अरब सागर में भारत ने तैनात कर दिए 10 से ज्यादा युद्धपोत

Indian Navy warships in Arab Sagar: इससे पहले अरब सागर में अपने व्यापारिक जहाजों पर हो रहे हमलों के बाद भारत ने लंबे दूरी तक निगरानी करने वाले और टोही विमान पी-8I के अलावा युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता को तैनात कर दिया।

अरब सागर में समुद्री लुटेरों के खतरे बढ़े हैं।

Indian Navy warships in Arab Sagar: अरब सागर में समुद्री सुरक्षा को और पुख्ता करने के इरादे से भारत ने अरब सागर में अपने 10 से ज्यादा युद्धपोतों को उतार दिया है। अत्याधुनिक हथियारों एवं तकनीक से लैस ये युद्धपोत समुद्री रास्ते में समुद्री लुटेरों एवं ड्रोन हमलों से मालवाहक जहाजों की सुरक्षा करेंगे। ये युद्धपोत अदन की खाड़ी में उत्तर से लेकर मध्य अरब सागर के पूरे क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं।

अरब सागर में मालवाहक जहाजों पर बढ़े हैं हमले

खास बात यह है कि अदन की खाड़ी में समुद्री मालवाहक जहाजों की सुरक्षा एवं अभियानों का दायित्व भारत अकेले उठा रहा है। दरअसल, अमेरिका ने गत दिसंबर में लाल सागर में अपनी अगुवाई में 'ऑपरेशन प्रास्पेरिटी गार्डियन' समुद्री सुरक्षा अभियान लॉन्च किया। इसमें कई देश शामिल हैं लेकिन भारत इसमें शामिल नहीं हुआ। लाल सागर में बीते दिनों यमन के हूती विद्रोहियों ने मालवाहक एवं सैन्य जहाजों को निशाना बनाकर हमले किए। इसके बाद इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के स्तर में वृद्धि की जा रही है।

नौसेना ने अपनी मौजूदगी बढ़ाई

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अरब सागर में समुद्री लुटेरों की सक्रियता एवं ड्रोन हमलों के बाद इलाके में युद्धपोतों की गश्ती बढ़ी है, इसे देखते हुए भारतीय नौसेना भी अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। अधिकारी ने कहा, 'समुद्री लुटेरों एवं ड्रोन हमलों दोनों खतरों से निपटने एवं निगरानी बढ़ाने के लिए पूरे क्षेत्र में भारतीय युद्धपोतों की तैनाती कर दी गई है। युद्धपोतों की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य अरब सागर के हालात में स्थायित्व लाना और सामुद्रिक सुरक्षा बढ़ाना है।'

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