आज से शुरू हो जाएगा भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल, रामनवमी के दिन PM मोदी करेंगे उद्घाटन
दक्षिण में रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ने वाले नए पंबन ब्रिज से देश के बुनियादी ढांचे को नई पहचान मिली है। बड़ी परियोजनाओं के सफलतापूर्वक पूरा होने से यह साबित होता है कि देश का विकास सही दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। समुद्री लहरों की चुनौती को पार कर इस ब्रिज का निर्माण एक कठिन कार्य था।

भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल 'नया पंबन रेल पुल' (फोटो- Indian Railways)
भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल नए पंबन रेल ब्रिज आज यानि कि रविवार से शुरू हो जाएगा। पीएम मोदी रामनवमी के दिन नए पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। नया पंबन रेल ब्रिज भारतीय रेलवे का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, जिसे पंबन द्वीप और रामेश्वरम को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है। यह ब्रिज तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम और पंबन के बीच पंबन जलडमरूमध्य के ऊपर स्थित है और इस क्षेत्र की रेल यात्रा के लिए एक नई उम्मीद लेकर आएगा।
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12 बजे होगा नए पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अप्रैल को तमिलनाडु का दौरा करेंगे। रामनवमी के अवसर पर, दोपहर 12 बजे पीएम मोदी भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल 'नये पंबन रेल पुल' का उद्घाटन करेंगे। वह सड़क पुल से एक ट्रेन और एक जहाज को हरी झंडी दिखाएंगे तथा पुल के संचालन को देखेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "6 अप्रैल (रविवार) को रामनवमी के शुभ अवसर पर, मैं तमिलनाडु के अपने भाइयों और बहनों के बीच आने के लिए उत्साहित हूं। नये पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन किया जाएगा। मैं अरुलमिगु रामनाथस्वामी मंदिर में प्रार्थना करूंगा। 8300 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का उद्घाटन या शिलान्यास भी किया जाएगा।"
एक नजर में नया पंबन रेल ब्रिज
- 2.08 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज कई मायनों में खास है।
- इसमें 18.3 मीटर के 99 स्पैन और 72.5 मीटर का एक वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है।
- यह पुराने ब्रिज से 3 मीटर ऊंचा है, जिससे बड़े जहाज आसानी से गुजर सकेंगे।
- इसके ढांचे में 333 पाइल हैं, और यह इतना मजबूत बनाया गया है कि वर्षों तक रेल और समुद्री परिचालन सुरक्षित रहेगा।
- इसमें एंटी-कोरोजन तकनीक, पॉलीसिलॉक्सेन पेंट, उन्नत स्टेनलेस स्टील और फाइबर रिइंफोर्स्ड प्लास्टिक का उपयोग किया गया है, जिससे यह लंबे समय तक टिकाऊ रहेगा।
- इस ब्रिज के निर्माण ने भारत की डिजाइन और सर्टिफिकेशन में तकनीकी श्रेष्ठता को साबित किया है।
क्यों पड़ी नए पंबन रेल ब्रिज की जरूरत
पहले पंबन ब्रिज का निर्माण 1914 में हुआ था और यह भारत का पहला समुद्री रेल ब्रिज था। हालांकि, समय के साथ यह ब्रिज पुराना और जर्जर हो गया था, जिससे इसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता पर सवाल उठने लगे थे। इसके कारण, भारतीय रेलवे ने नए पंबन रेल ब्रिज का निर्माण शुरू किया।
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