Gaganyaan Mission: गगनयान मिशन में एक कदम और आगे बढ़ा ISRO, उड़ान के लिए पहला टेस्ट क्रू मॉड्यूल तैयार

India Gaganyaan Mission: भारत का गगनयान मिशन एक कदम और आगे बढ़ गया है। ISRO गगनयान मिशन के लिए मानवरहित उड़ान परीक्षण शुरू करेगा। फ्लाइट टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1) की तैयारी चल रही है, जो क्रू एस्केप सिस्टम के प्रदर्शन को प्रदर्शित करता है।

India Gaganyaan Mission

भारत का गगनयान मिशन को एक और सफलता (तस्वीर-ISRO)

India Gaganyaan Mission: अंतरिक्ष में मानव को भेजने के लिए ISRO तैयारी में जुटा है। अब एक और कदम बढ़ा दिया है। मानवरहित उड़ान परीक्षण शुरू करने जा रहा है। परीक्षण वाहन (TV-D1) और इसके महत्वपूर्ण क्रू मॉड्यूल के पूरा होने के साथ भारत की अंतरिक्ष यात्रा आकार ले रही है। यह परीक्षण क्रू मॉड्यूल (CM) एक स्केल्ड संस्करण के रूप में कार्य करता है। जो वास्तविक गगनयान सीएम की नकल करता है। जो भारतीय अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। टेस्ट सीएम को पृथ्वी जैसी वायुमंडलीय स्थितियों का अनुकरण करने के लिए तैयार किया गया है। फिर भई दबाव रहित, इसमें सुरक्षित डिक्लेरेशन और रिकवरी के लिए आवश्यक सिस्टम हैं। जैसे पैराशूट का एक पूरा सेट, रिकवरी सहायता और एक्चुएशन सिस्टम है। दोहरे निरर्थक एवियोनिक्स मजबूत नेविगेशन, सिक्वैंसिंग, टेलीमेट्री और बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। पूरा होने पर मॉड्यूल के बंगाल की खाड़ी में उतरने की उम्मीद है। जिसमें भारतीय नौसेना की एक समर्पित रिकवरी टीम शामिल होगी।

अबॉर्ट टेस्ट उड़ान से उम्मीदें

आगामी उड़ान को 1.2 की मैक संख्या पर निरस्त स्थिति का अनुकरण करने के लिए डिजाइन किया गया है। जो वास्तविक गगनयान मिशन परिदृश्य से मेल खाती है। क्रू एस्केप सिस्टम (सीईएस) करीब 17 किमी की ऊंचाई पर परीक्षण वाहन से अलग हो जाएगा। सुरक्षित उतरने के लिए पैराशूटों की एक सीरीज को स्वायत्त रूप से तैनात किया जाएगा। सीएम श्रीहरिकोटा के तट से करीब 10 किमी दूर उतरेगा।

व्यापक परीक्षण और अगले चरण

इसरो की बेंगलुरु सुविधा में कठोर विद्युत और ध्वनिक परीक्षण के बाद टेस्ट सीएम को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC-SHAR) में भेज दिया गया है। बहुप्रतीक्षित उड़ान से पहले यह कंपन परीक्षण और पूर्व-एकीकरण जांच से गुजरेगा। इस मिशन की सफलता शेष योग्यता परीक्षणों और मानवरहित मिशनों के लिए महत्वपूर्ण होगी।

गगनयान से बड़ी महत्वाकांक्षा

इसरो के गगनयान का लक्ष्य तीन दिवसीय मिशन के लिए तीन सदस्यीय दल को 400 किमी की कक्षा में भेजना है। जो भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं में एक बड़ी छलांग है। यह मिशन भारत के सिद्ध LVM3 रॉकेट पर निर्भर करता है। जिसे मानव रेटिंग आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पुन: कॉन्फ़िगर किया गया है।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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