INS Kirpan: चीन के खिलाफ भारत का चक्रव्यूह! वियतनाम को गिफ्ट करेगा मिसाइल युद्धपोत
INS Kirpan: राजनाथ सिंह ने वियतनाम के रक्षा मंत्री जनरल फान वान जियांग से बातचीत की और घोषणा की कि भारत वियतनाम की नौसेना को स्वदेश निर्मित मिसाइल युद्धपोत आईएनएस कृपाण उपहार स्वरूप देगा।
वियतनाम को आईएनएस कृपाण गिफ्ट करेगा भारत (फोटो- Indian Navy)
INS Kirpan: चीन को भारत अब उसके ही घर में घेरने की तैयारी कर रहा है। भारत, वियतनाम को एक मिसाइल युद्धपोत गिफ्ट करने जा रहा है। वियतनाम के साथ भी चीन का छत्तीस का आंकड़ा है। यही कारण है कि चीन दक्षिण चीन सागर में लगातार अपने आप को मजबूत कर रहा है। अब भारत से मिलाइल युद्धपोत मिलने के बाद वियतनाम की नौसेना और मजबूत हो जाएगी, जो चीन के लिए सही नहीं होगा।
रक्षा मंत्री ने की घोषणा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को इसकी घोषणा की है। राजनाथ सिंह ने वियतनाम के रक्षा मंत्री जनरल फान वान जियांग से बातचीत की और घोषणा की कि भारत वियतनाम की नौसेना को स्वदेश निर्मित मिसाइल युद्धपोत आईएनएस कृपाण उपहार स्वरूप देगा। जियांग दो दिन की भारत यात्रा पर आये हैं। राजनाथ सिंह ने घोषणा की कि स्वदेश निर्मित मिसाइल युद्धपोत आईएनएस कृपाण को उपहार में देना वियतनाम की नौसेना की क्षमताओं के बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने अनेक द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पहलों की प्रगति का जायजा लिया और साझेदारी पर संतोष जताया।
दक्षिण चीन सागर पर नजर
मंत्रियों ने विशेष रूप से रक्षा उद्योग, समुद्री सुरक्षा और बहुराष्ट्रीय सहयोग के मौजूदा क्षेत्रों को बढ़ाने के साधनों की पहचान की। दोनों पक्ष द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर केंद्रित रहे हैं तथा दक्षिण चीन सागर में हालात की समीक्षा कर रहे हैं। इस क्षेत्र में चीन का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।
वियतनाम के साथ बेहतर संबंध
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वियतनाम एक महत्वपूर्ण साझेदार है। जुलाई 2007 में वियतनाम के तत्कालीन प्रधानमंत्री गुयेन तान दुंग की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों का स्तर ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर पर पहुंच गया था। प्रधानमंत्री मोदी की 2016 में हुई वियतनाम की यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंध उन्नत होकर ‘समग्र रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर पर पहुंच गये थे।
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