दुनिया देखती रही और भारत ने स्पेसक्राफ्ट क्रैश कर सुलझा लिया था चांद का सबसे बड़ा 'रहस्य'
Chandrayaan 1: भारत ने अक्टूबर 2008 में अपना पहला मून मिशन लॉन्च किया था। इस मिशन का नाम चंद्रयान 1 था। तब तक, केवल चार देश चांद पर अपना मिशन भेजने में कामयाब रहे थे। इनके नाम थे अमेरिका, रूस, यूरोप और जापान। भारत इस लिस्ट में पांचवां था
चंद्रयान 1 ने लगाया था चांद पर पानी का पता (फोटो- ISRO)
Chandrayaan 1: ये भारत है जनाब...दुनिया स्पेसक्राफ्ट चांद पर सुरक्षित उतार कर अपने मिशन को कामयाब मानती है, वहां खोज करती है, लेकिन भारत स्पेसक्राफ्ट क्रैश करवाकर भी दुनिया की सबसे बड़ी खोज को हासिल कर लेता है। चांद पर जो न अमेरिका को मिला, न रूस को और न ही चीन को उसे भारत ने खोज निकाला था, वो भी स्पेसक्राफ्ट को क्रैश कराकर। इसरो ने अपना ही स्पेसक्राफ्ट चांद पर जानबूझकर क्रैश कराया था।
ये भी पढ़ें- विक्रम लैंडर ने भेजी चांद की अद्भुत तस्वीर, देखकर आपका सीना भी हो जाएगा चौड़ा
कहानी भारत के पहले चांद मिशन की
भारत ने अक्टूबर 2008 में अपना पहला मून मिशन लॉन्च किया था। इस मिशन का नाम चंद्रयान 1 था। तब तक, केवल चार देश चांद पर अपना मिशन भेजने में कामयाब रहे थे। इनके नाम थे अमेरिका, रूस, यूरोप और जापान। भारत इस लिस्ट में पांचवां था, जिसने चांद पर अपना सफल मिशन भेजा था। भारत का पहला चांद मिशन 2009 तक चला था। यान को 8 नवंबर 2008 को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया गया था।
चंद्रयान 1 के साथ प्रोब
चंद्रयान के साथ एक 32 किलो का प्रोब भी इसरो ने भेजा था। इस प्रोब को सफल लैंडिंग के लिए नहीं बल्कि इसरो ने क्रैश कराने के लिए चांद पर भेजा था। 17 नवंबर 2008 को इस प्रोब को इसरो से क्रैश का कमांड मिला तो यह चांद की ओर बढ़ चला।
जब क्रैश हुआ प्रोब
चंद्रयान से अलग होने के करीब 25 मिनट बाद प्रोब चांद की सतह से जा टकराया। कहने को तो यह क्रैश लैंडिंग थी, लेकिन इसे क्रैश कराकर के भी भारत इतिहास रच चुका था। प्रोब में लगे उपकरण क्रैश होने के बाद भी काम कर रहे थे और वो लगातार इसरो को डाटा भेज रहे थे।
वो महान खोज
पूरी दुनिया अपने स्पेसक्राफ्ट को लैंड कराकर कोई खोज करती है, भारत ने क्रैश कराकर वो खोज लिया, जिसे अमेरिका-जापान तक नहीं खोज पाए। यह प्रोब जब चांद की ओर बढ़ रहा था, तब इसरो के वैज्ञानिक इससे मिलने वाली डाटा को जुटाने में जुटे थे, क्योंकि इसी डाटा पर उनके अगले मिशन की सफलता निर्भर थी। इस पर हर वो एक्सपेरिमेंट किया गया जो भविष्य में उपयोगी साबित होने वाले थे। इसमें कैमरा सहित कई तरह के उपकरण लगे थे। आज इन्हीं डाटा की बदौलत चंद्रयान-3 सफलता के झंडे गाड़ रहा है, चांद पर लैंड करने की तैयारी कर रहा है। इसी प्रोब ने यह पता लगाया था कि चांद पर पानी है। इस खोज से दुनिया हैरान रह गई थी, बाद में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने भी इसकी पुष्टि की।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें
जिस टेक्सटाइल पार्क की अध्यक्ष हैं अजित पवार की पत्नी, उसके बाहर घंटों खड़ी रहीं शरद पवार की वाइफ, गार्ड ने नहीं खोला गेट
मणिपुर में अब कैसी है विधानसभा की स्थिति? NPP के समर्थन वापसी से क्या गिर जाएगी BJP सरकार
आज की ताजा खबर Live 18 नवंबर-2024 हिंदी न्यूज़: पीएम मोदी G20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे ब्राजील, उत्तरी गाजा में इजरायली हमले में मारे गए 30 लोग; पढ़ें हर छोटी-बड़ी खबरें
राजस्थान SDM थप्पड़ कांड : आरोपी नरेश मीणा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
सायरन बजाती एम्बुलेंस का रास्ता रोकना पड़ा महंगा, केरल पुलिस ने काटा 2.5 लाख रुपये का चालान-Video
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited