जिस मुस्लिम कंट्री का इस्लाम परस्त देशों ने छोड़ दिया साथ, उसे इंडिया देगा सहारा; खाने से लेकर हथियार तक देगी भारत सरकार
यह पहली बार है कि मिस्र को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में 'अतिथि देश' के रूप में आमंत्रित किया गया है। मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेल अल-सिसी 24 जनवरी को भारत पहुंचेंगे। इस दौरान मिस्त्र, भारत के साथ कई समझौते कर सकता है, जो उसे आर्थिक संकट से निकालने में मदद करेगा।
भारत करेगा मिस्त्र की मदद (फोटो- AP)
दुनिया के बड़े इस्लाम परस्त देशों ने जिस मिस्त्र (Egypt) का संकट के समय में साथ छोड़ दिया उसे अब भारत सहारा देगा। मिस्त्र एक मुस्लिम कंट्री है और इस समय भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा है। मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेल अल-सिसी ( President Abdel Fattah El-Sisi) इस बार के गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि (Republic Day Guest 2023) हैं। इस दौरान मिस्त्र, भारत के साथ कई समझौते करेगा।संबंधित खबरें
भारी आर्थिक संकट में मिस्त्रसंबंधित खबरें
मिस्र की अर्थव्यवस्था इस समय भारी संकट में है। मिस्त्र की मुद्रा ने एक साल से भी कम समय में अपना लगभग आधा मूल्य खो दिया है। यह पिछले हफ्ते डॉलर के मुकाबले 32 मिस्र पाउंड के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया था। देश में महंगाईचरम सीमा पर है। वार्षिक मुद्रास्फीति 20 प्रतिशत से अधिक हो गई है और दुकानें खाली होते जा रही हैं। निर्यात के लिए भी मिस्त्र के पास पर्याप्त पैसा नहीं है। आने वाले दिनों में मिस्त्र की स्थिति और बिगड़ सकती है।संबंधित खबरें
भारत से क्या उम्मीदसंबंधित खबरें
मिस्त्र पहली बार भारत के गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्य अतिथि देश बना है। मिस्त्र हमेशा से भारत का व्यापारिक साझेदार भी रहा है, साथ ही पाकिस्तान दुष्प्रचार को भी वो समर्थन नहीं करता है। ऐसे में मिस्त्र को अपने पुराने दोस्त भारत से उम्मीद है कि वो उसे आर्थिक संकट से निकालने में मदद करेगा। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी कोअपनी यात्रा के दौरान अनाज,तकनीक, कृषि और रक्षा पर सहयोग की उम्मीद है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मिस्त्र को भेजा जाने वाला गेहूं नहीं पहुंच पाया है। जिसके कारण वहां अनाज का भी संकट है। भारत पहले भी मिस्त्र को गेहूं भेज चुका है, इस दौरे के दौरान और अनाज भेजे जाने की डील हो सकती है। साथ ही मिस्त्र, भारत के लड़ाकू विमान तेजस, आकाश मिसाइल के साथ-साथ और कई हथियारों में दिलचस्पी दिखा चुका है। इसे लेकर भी समझौते हो सकते हैं।संबंधित खबरें
मुस्लिम देशों ने छोड़ा साथसंबंधित खबरें
दुनिया में संयुक्त राष्ट्र संघ के बाद सबसे बड़ा संगठन ओआईसी है, जो मुस्लिम देशों का संगठन है। इसमें तमाम मुस्लिम देश हैं, लेकिन मिस्त्र की मदद के लिए न तो सउदी अरब आया है, न ही संयुक्त अरब इमारत और न ही कुवैत। ये सभी मिस्त्र से पीछा छुड़ाते हुए दिख रहे हैं।संबंधित खबरें
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शिशुपाल कुमार author
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
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