ज्वाइंट मून मिशन पर काम करेंगे भारत-जापान, Aditya L-1 के आंकड़ों से सुलझाएंगे नए रहस्य

​भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) भविष्य के मिशनों से डेटा साझा करने की योजना बना रहे हैं, जो अंतरिक्ष विज्ञान में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के एक नए युग का प्रतीक है।

ISRO
ISRO And JAXA: अंतरिक्ष में भारत की लंबी छलांग के बाद अब दूसरे देश भी इसरो के साथ मिलकर काम करने के लिए बेताब हैं। इसी सिलसिले में जापान भी अब इसरो के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने जा रहा है। भारत और जापान अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अपने सहयोग को गहरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। दोनों एक ज्वाइंट चंद्रमा मिशन पर एक साथ काम कर रहे हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) भविष्य के मिशनों से डेटा साझा करने की योजना बना रहे हैं, जो अंतरिक्ष विज्ञान में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के एक नए युग का प्रतीक है। यह घोषणा इसरो प्रमुख एस सोमनाथ और जापान के राष्ट्रीय खगोलीय वेधशाला के महानिदेशक और राष्ट्रीय अंतरिक्ष नीति पर जापान की कैबिनेट समिति के उपाध्यक्ष डॉ. साकू त्सुनेका के बीच एक बैठक के बाद हुई। यह बैठक इसरो मुख्यालय में हुई।

LUPEX मिशन पर खास चर्चा

चर्चा इसरो और संस्थान स्तर सहित विभिन्न स्तरों पर भारत-जापान अंतरिक्ष विज्ञान सहयोग के इर्द-गिर्द घूमती रही। चर्चा का एक मुख्य बिंदु प्रस्तावित संयुक्त चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण (LUPEX) मिशन था, जो एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसका उद्देश्य चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों की खोज करना है। LUPEX मिशन के अगले कुछ वर्षों में लॉन्च होने की उम्मीद है। इसमें एक भारतीय चंद्र लैंडर और एक जापानी रोवर ले जाने वाला एक जापानी रॉकेट शामिल होगा। मिशन का प्राथमिक उद्देश्य चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों में पानी की उपस्थिति की पुष्टि करना है।
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