रूस के साथ हो सकती मेगा डील, चीन को काउंटर करने के लिए भारत की 'वोरोनेझ रडार' पर नजर, खास है यह सिस्टम

Voronezh radar : इस रडार की दूसरी बड़ी खासियत है कि यह एक साथ 500 से ज्यादा खतरों को डिटेक्ट कर सकता है। यही नहीं इस रडार सिस्टम में बदलाव कर इसकी निगरानी क्षमता 10,000 किलोमीटर तक की जा सकती है। इसकी लंबवत रेंज 8000 किलोमीटर और क्षैतिज रेंज 6,000 किलोमीटर से ज्यादा है।

अपने रूसी समकक्ष के साथ शिष्टमंडल स्तर की बैठक करते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह।

Voronezh radar : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने तीन दिन के रूस दौरे पर हैं। उनके साथ रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों का एक बड़ा दल भी गया है। रिपोर्टों की मानें तो भारत और रूस के बीच एक बड़ा रक्षा समझौता हो सकता है। यह रक्षा डील पर बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है और राजनाथ सिंह इस डील पर मुहर लगा सकते हैं। बताया जा रहा है कि नई दिल्ली और मास्को के बीच होने वाली यह रक्षा डील एक दो नहीं बल्कि चार अरब डॉलर की है। रिपोर्टों में कहा गया है कि 'वोरोनेझ' सीरीज के रडार पर दोनों देशों के बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। इस रडार को रूस की अल्माज-एंटे कॉरपोरेशन कंपनी बनाती है। इस कंपनी को रडार एवं एंटी एयरक्रॉफ्ट मिसाइल सिस्टम बनाने में महारत हासिल है।

एरियल खतरे को बहुत दूर से भांप लेगा

तो आखिर 'वोरोनेझ' रडार भारत खरीदना क्यों चाहता है? तो इसकी भी एक वजह है। सबसे बड़ी बात तो इस रडार की क्षमता भारत को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है। इस रडार की सबसे बड़ी खूबी है कि यह किसी भी तरह के एरियल यानी कि हवाई खतरे को बहुत दूर से भांप लेता है। दुश्मनों के फाइटर एयरक्राफ्ट, बैलिस्टिक मिसाइल, आईसीबीएम जैसे खतरों को यह रडार सिस्टम 8,000 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर ही डिटेक्ट कर लेता है। इस दायरे वाला अर्ली वार्निंग सिस्टम यदि भारत के पास आ जाता है तो यह चीन, दक्षिण एवं मध्य एशिया और हिंद महासागर का ज्यादातर हिस्सा उसकी निगरानी में आ जाएगा। इन इलाकों से आने वाले किसी भी हवाई खतरे को यह रडार पकड़ लेगा।

500 से ज्यादा खतरों को डिटेक्ट कर सकता है

इस रडार की दूसरी बड़ी खासियत है कि यह एक साथ 500 से ज्यादा खतरों को डिटेक्ट कर सकता है। यही नहीं इस रडार सिस्टम में बदलाव कर इसकी निगरानी क्षमता 10,000 किलोमीटर तक की जा सकती है। इसकी लंबवत रेंज 8000 किलोमीटर और क्षैतिज रेंज 6,000 किलोमीटर से ज्यादा है। मास्को का दावा यह भी है कि यह रडार सिस्टम स्टील्थ एयरक्रॉफ्ट को भी ट्रैक कर सकता है। चूंकि, इसकी वर्टिकल यानी कि लंबवत रेंज काफी ज्यादा है तो यह अपनी तरफ आने वाली इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का पूरा डेटा दे सकता है।

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