Monsoon 2024: दिल खुश कर विदाई ले रहा मॉनसून, धरती को कर गया पानी-पानी; जानें आपके राज्य में कितनी हुई बारिश?
India Monsoon 2024: मॉनसून विभाग मॉनसून की शुरुआत एक जून से मानता है और यह 30 सितंबर को खत्म हो जाता है। इस वर्ष इन चार महीनों में बादलों ने धरती को जमकर भिगाया। यानी दर्ज रिकॉर्ड के मुताबिक, मॉनसूनी सीजन में 8 फीसदी अधिक बारिश हुई है। आइये जानते हैं किस वर्ष कितनी मिली मीटर बारिश हुई?
भारत का मौसम
India Monsoon 2024: साल 2024 का मॉनसूनी सीजन सभी राज्यों के लिए वरदान साबित हुआ। देशभर में सीजनी बारिश ने वॉटर लेवल बढ़ा दिया है। इस साल कहीं भी सूखे जैसी समस्या की खबरें सुनने को नहीं मिलीं। प्रत्येक राज्य में कहीं सामान्य से अधिक तो कहीं सामान्य से मामूली कम बारिश ही दर्ज की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि अधिक एवं तीव्र निम्न दबाव प्रणालियों के परिणामस्वरूप 2024 के मानसून सत्र के दौरान भारत में सामान्य से 8 प्रतिशत अधिक वर्षा होगी। फिलहाल, नदी, नाले, पोखर और नहरें लबालब हैं, जिससे किसानों को बड़ा फायदा हुआ है। आने वाली रबी की फसल के लिए यह बारिश काफी मुफीद साबित होने वाली है। आईएमडी ने अक्टूबर में भी बारिश का अंदेशा जाताया है। आइये जानते हैं अन्य वर्षों के मुकाबले इस साल कितनी अधिक बारिश दर्ज की गई है?
2020 के बाद से सबसे अधिक बारिश
दक्षिण-पश्चिम मानसून का मौसम सोमवार को आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया, देश में सामान्य 868.6 मिमी की तुलना में 934.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई - जो 2020 के बाद से सबसे अधिक है। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार इस मानसून में 14 निम्न दबाव प्रणालियों ने देश को प्रभावित किया, जबकि औसत 13 है। ये प्रणालियां सामान्य 55 दिनों के मुकाबले कुल 69 दिनों तक सक्रिय रहीं।
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मौसम विभाग के अनुसार, मध्य भारत में इस क्षेत्र के दीर्घकालिक औसत से 19 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। दक्षिणी प्रायद्वीप में सामान्य से 14 फीसदी ज्यादा और उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से 7 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई। आईएमडी के मुताबिक, देशभर में जून में 11 फीसदी कम बारिश हुई, लेकिन जुलाई में 9 प्रतिशत अधिक बादल मेहरबान रहे। इसके बाद अगस्त में 15.7 प्रतिशत और सितंबर में 10.6 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।
साल | बारिश मिमी. | बारिश का औसत |
2024 | 934.8 | 106 प्रतिशत (अनुमान) |
2023 | 820 | 94.4प्रतिशत |
2022 | 925 | 106 प्रतिशत |
2021 | 870 | - |
2020 | 958 | - |
उधर, मॉनसून की वापसी आमतौर पर 20 से 25 अक्टूबर के बीच होती है। इस साल भी इसी अवधि में इसकी वापसी की उम्मीद है। हालांकि, उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में मॉनसून लौट चुका है। इसमें भी तीन से चार दिन की देरी हुई है।
खेतीबाड़ी के मुफीद रही बारिश
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बार मॉनसून में हुई अच्छी बारिश ने जलाशयों को भी लबालब कर दिया है। वर्तमान ने देशभर में केंद्रीय जल आयोग की निगरानी वाले 155 जलाशयों का जल स्तर पिछले साल के मुकाबले एवं सामान्य रेंज से अधिक है। इसके अतिरिक्त अच्छी बारिश के परिणामस्वरूप कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब और बिहार की मिट्टी में नमी की मात्रा भी पिछले सालों की तुलना में 9 प्रतिशत बेहतर है। इससे अगली आने वाली रबी की फसल में अच्छी उपज की गुंजाइश बढ़ गई है, जिससे किसनों को बड़ा फायदा होगा। इधर, जायद की फसलों में मॉनसूनी बारिश ने अच्छा प्रभाव छोड़ा। धान जैसी फसलों को अलग से पानी देने की जरूरत महसूस नहीं हुई।
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