'ट्रंप की वापसी से घबराए हुए देशों में हम शामिल नहीं', भारत-US संबंधों पर जयशंकर का बड़ा बयान
S Jaishankar : वैश्विक शक्ति की गतिशीलता के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि 'हां, बदलाव हुआ है। हम खुद इस बदलाव का उदाहरण हैं, अगर आप हमारे आर्थिक वजन को देखते हैं तो आप हमारी आर्थिक रैंकिंग को देखते हैं, आप भारतीय कॉरपोरेट जगत, उनकी पहुंच, उनकी मौजूदगी, भारतीय पेशेवरों को देखते हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर।
S Jaishankar : अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर डोनाल्ड ट्रंप की वापसी और दुनिया पर इसके असर को लेकर कई तरह की बातें की जा रही हैं, कई देश ट्रंप के रुख को लेकर घबराए भी हुए हैं। इस बीच, ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिका और भारत के संबंधों को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बयान दिया है। जयशंकर ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति के रूप में वापसी के बाद तमाम देश अमेरिका को लेकर थोड़े घबराए हुए हैं, लेकिन भारत उनमें से एक नहीं है। मुंबई में आदित्य बिड़ला समूह की तरफ से दी जाने वाली छात्रवृत्ति के रजत जयंती समारोह में विदेश मंत्री ने कहा कि ट्रंप के राष्ट्रपति के रूप में वापसी के बाद तमाम देश अमेरिका को लेकर थोड़े घबराए हुए हैं, लेकिन भारत उनमें से एक नहीं है।
हम खुद इस बदलाव का उदाहरण हैं-जयशंकर
वैश्विक शक्ति की गतिशीलता के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि 'हां, बदलाव हुआ है। हम खुद इस बदलाव का उदाहरण हैं, अगर आप हमारे आर्थिक वजन को देखते हैं तो आप हमारी आर्थिक रैंकिंग को देखते हैं, आप भारतीय कॉरपोरेट जगत, उनकी पहुंच, उनकी मौजूदगी, भारतीय पेशेवरों को देखते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि पुनर्संतुलन हुआ है।' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा होना अपरिहार्य भी था। उन्होंने कहा, 'औपनिवेशिक काल के बाद देशों को स्वतंत्रता मिली और उन्होंने अपनी नीतियां खुद चुननी शुरू कर दी थीं। फिर उनका आगे बढ़ना भी तय था। इनमें से कुछ तेजी से बढ़े, कुछ धीमी गति से बढ़े, कुछ बेहतर तरीके से बढ़े, और वहां शासन की गुणवत्ता और नेतृत्व की गुणवत्ता आई।'
'औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते'
विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, 'अधिक विविधतापूर्ण, बहुध्रुवीय दुनिया की ओर रुझान है। लेकिन, एक ऐसा दौर भी है जब देश वास्तव में आगे बढ़ते हैं। मेरा मतलब है, यह वैसा ही है जैसा कॉरपोरेट जगत में भी हुआ।' इसके साथ ही जयशंकर ने इस बात पर बल दिया कि पश्चिम में औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और वे प्रमुख निवेश लक्ष्य बने हुए हैं। उन्होंने कहा, 'पुरानी, पश्चिमी अर्थव्यवस्थाएं, पुरानी औद्योगिक अर्थव्यवस्थाएं खत्म नहीं हुई हैं। वे अभी भी मायने रखती हैं और वे प्रमुख निवेश लक्ष्य हैं। वे बड़े बाजार हैं, मजबूत प्रौद्योगिकी केंद्र हैं, नवाचार के केंद्र हैं।'
अमेरिका से हम घबराए हुए नहीं हैं-जयशंकर
विदेश मंत्री ने भारत-अमेरिका संबंधों और ट्रंप की जीत पर कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संभवतः उन पहले तीन लोगों में थे, जिनसे नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने बात की।' उन्होंने कहा कि भारत और प्रधानमंत्री मोदी ने कई राष्ट्रपतियों के साथ तालमेल बनाया है। उन्होंने कहा, 'आज बहुत सारे देश अमेरिका को लेकर घबराए हुए हैं.... लेकिन हम उनमें से नहीं हैं।' स कार्यक्रम में आदित्य बिड़ला समूह के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि छात्रवृत्ति कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रतिभा में निवेश ही भविष्य को आकार देता है। बिड़ला ने अपने दिवंगत पिता आदित्य विक्रम बिड़ला की स्मृति में 1999 में स्थापित इस छात्रवृत्ति के योगदान का जिक्र करते हए कहा कि इसकी मदद से अब तक सैकड़ों युवा विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम लहराने में सफल रहे हैं।
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