INDIA or BHARAT: हिंदुस्तान के कितने नाम? जानें ऋग्वेद से लेकर भारत के संविधान तक का इतिहास
INDIA Name Dispute: यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि देश को भारत नाम कहां से मिला और इसे सबसे पहले INDIA किसने कहा? इसके अलावा वैदिक काल में भारत को और कितने नामों से पुकारा जाता था? संविधान में 'INDIA' और 'भारत 'दोनों नाम क्यों जोड़े गए? ऐसे सभी सवालों के जवाब आगे पढ़िए...
INDIA नाम विवाद
INDIA Name Dispute: संसद के विशेष सत्र से पहले देश की राजनीति में बड़ा सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है। जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर राष्ट्रपति भवन की ओर से दिए गए रात्रिभोज के निमंत्रण पर 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की जगह 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा गया, जिसके बाद विपक्ष ने सरकार पर देश का नाम बदलने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
अटकलें हैं कि सरकार विशेष सत्र के दौरान संविधान से INDIA शब्द हटाने से संबंधित एक बिल भी पेश सकती है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को इंडिया नाम विवाद पर न बोलने की हिदायत दी है। अब INDIA नाम को लेकर सरकार का क्या रुख है? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन एक बात तो निश्चित है कि सरकार की योजना कुछ बड़ा धमाका करने की है।
इस विवाद के बीच यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि देश को भारत नाम कहां से मिला और इसे सबसे पहले INDIA किसने कहा? इसके अलावा वैदिक काल में भारत को और कितने नामों से पुकारा जाता था? संविधान में 'INDIA' और 'भारत 'दोनों नाम क्यों जोड़े गए? ऐसे सभी सवालों के जवाब आगे पढ़िए...
कहां से आया भारत नाम?
भारत को भारतवर्ष या भरत भी कहा गया है। हालांकि, यह नाम कहां से आया, इसको लेकर कई दावे हैं। भारतवर्ष नाम की जड़ें पौराणिक साहित्य और महाभारत में भी समाई हुई हैं। विष्णु पुराण की बात करें तो इसमें इस बात का जिक्र है कि 'समुद्र के उत्तर से लेकर हिमालय के दक्षिण तक भारती की सीमाएं निहित हैं।' विष्णु पुराण में एक और बात कही गई है कि जब ऋषभदेव ने नग्न होकर गले में बांट बांधकर वन प्रस्थान किया तो उन्होंने अपने पुत्र भरत को उत्तराधिकार सौंप दिया, आगे चलकर उन्हीं के नाम पर देश का नाम भारतवर्ष पड़ गया। एक मान्यता यह भी है कि महाभारत में हस्तिनापुर के महाराजा दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र का नाम भरत था। वह एक चक्रवर्ती सम्राट थे, उन्हीं के नाम पर देश का नाम भारतवर्ष पड़ा।
अब इंडिया नाम के बारे में भी जानिए
भारत को INDIA भी कहा जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहचान भी इसी नाम से है और इन दिनों उठे विवाद की जड़ें भी इसी नाम में ही हैं। इस नाम की उत्पत्ति की बात करें तो इसकी कहानी इतिहास के गलियारों से निकलकर आती है। कहा जाता है कि जब अंग्रेज यहां आए तो उन्हें भारत और हिंदुस्तान कहने में मुश्किल हुई। ऐसे में उन्होंने सिंधु घाटी के अंग्रेजी नाम इंडस वैली के आधार पर इस देश का नाम इंडिया कर दिया। दरअसल, इंडस शब्द को लैटिन भाषा में इंडिया कहा गया और यही भारत का अंग्रेजी नाम भी हो गया।
अब हिंदुस्तान नाम का इतिहास
अंग्रेजों के आगमन से पहले भारत को सिंधु घाटी की सभ्यता वाले देश के रूप में पहचाना जाता था। इतिहासकारों के मुताबिक, मध्यकाल में जब भारत में तुर्क और ईरानी आए तो उन्होंने सबसे पहले सिंधु घाटी में प्रवेश किया। वे 'स' का उच्चारण 'ह' में करते थे। इसी तरह उन्होंने सिंधु को हिंदू कहकर पुकारा और इसके किनारे बसे स्थान को हिंदुस्थान कहा जाने लगा, जो आगे चलकर हिंदुस्तान हो गया।
भारत के और कितने नाम?
भातर, इंडिया या हिंदुस्तान के अलावा भी भारत को कई नामों से जाना जाता था, जिसका जिक्र पुराणों और वैदिक कालों के ग्रंथों में मिल जाता है। जब हमारे देश का नाम भारतवर्ष पड़ा तो उसी कालखंड में भारत को जम्बूद्वीप, भारतखण्ड, आर्यावर्त, हिमवर्ष, हिंदुस्तान, हिन्द, अल-हिंद जैसे दूसरे नामों से भी पुकारा जाता था। हालांकि, इन सभी नामों में सबसे ज्यादा प्रचलित 'भारत' ही हुआ।
अब जानिए संविधान में भारत और INDIA कहां से आए?
जब संविधान में देश का नाम रखने की बात आई तो एक लंबी बहस चली। संविधान सभा के कुछ सदस्यों देश के नामकरण में 'इंडिया' शब्द पर आपत्ति थी। वहीं कुछ सदस्य 'भारतवर्ष' नाम रखने के प्रस्ताव पर अड़े हुए थे तो कुछ 'हिंदुस्तान' नाम रखना चाहते थे। 17 सितंबर, 1949 को संविधान सभा की बहस के दौरान हरि विष्णु कामथ ने सुझाव दिया कि पहले आर्टिकल में भारत या अंग्रेजी भाषा में, इंडिया लिखा होना चाहिए। सेठ गोविंद दास ने प्रस्ताव रखा कि भारत को विदेशों में भी इंडिया के नाम से जाना जाता है। वहीं हरगोविंद पंत ने स्पष्ट किया कि उत्तरी भारत के लोग भारतवर्ष चाहते हैं और कुछ नहीं। हालांकि, बाद में डॉ. भीमराव आंबेडकर ने कहा- 'इंडिया नाम एक अंतरराष्ट्रीय नाम है, जिसे दुनियाभर में जाना जाता है। यह भारत की विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों को भी दर्शाता है।' इसके बाद संविधान के अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि "इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।"
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