भारत-पाक क्रिकेट के जॉनी दुश्मन, बंटवारा-युद्ध और आतंक के साये ने बढ़ाई तल्खी
India-Pakistan Cricket Rivalry: 1947 में जब बंटवारे के तहत और भारत और पाकिस्तान आजाद हुए तो उस दौरान जो मौत का तांडव खेला गया। उससे दोनों देशों के लोगों के बीच दुश्मनी की ऐसी दीवार खड़ी कर दी, कि वह खेल के मैदान में भी दिखने लगी। लोगों ने जख्म भुलाने के लिए खेल में जीत का सहारा लेना शुरू कर दिया।
भारत-पाकिस्तान में ऐसे बढ़ी तल्खी
- पहली भारत-पाक क्रिकेट सीरीज 1954 में खेली गई। उस समय पाकिस्तान टीम भारत आई थी।
- 1965 और 1971 के युद्ध ने दोनों देशों के खेल संबंधों पर ब्रेक लगा दिया था।
- आजादी के समय क्रिकेट से ज्यादा हॉकी दोनों देशों के बीच लोकप्रिय थी।
India-Pakistan Cricket Rivalry: भारत और पाक के बीच क्रिकेट का मैच हो, तो आज के दौर में दुनिया में उससे ज्यादा खेल दुश्मनी किसी और दो देशों के बीच नहीं देखी जाती है। दुनिया के किसी भी कोने में समर्थक हो वह अपनी क्रिकेट टीम को चीयर करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। ऑस्ट्रेलिया में हो रहे T-20 क्रिकेट मैच की बात की जाय तो, दूसरे देश में होने के बावजूद, मेलबर्न क्रिकेट स्टेडियम 90 हजार दर्शकों के खचाखच भरा था। दोनों देशों में खेल की दुश्मनी इतनी तल्ख होने की वजह भारत-पाक का राजनीतिक इतिहास है। उतार-चढ़ाव भरे रिश्ते की वजह से कई बार दोनों देशों के दर्शक हार पचा नहीं पाते हैं। और टीवी सेट फोड़ने से लेकर एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी तक की नौबत आ जाती है। हालांकि भारत-पाक के बीच शुरू से ही क्रिकेट ही आत्मसम्मान का जरिया नहीं बना था। बल्कि एक समय दोनों देशों के बीच हॉकी कहीं ज्यादा लोकप्रिय हुआ करती थी।
बंटवारे ने पैदा कर दी न भूलने वाली दुश्मनी
1947 में जब बंटवारे के तहत और भारत और पाकिस्तान आजाद हुए तो उस दौरान जो मौत का तांडव खेला गया। उससे दोनों देशों के लोगों के बीच दुश्मनी की ऐसी दीवार खड़ी कर दी, कि वह खेल के मैदान में भी दिखने लगी। लोगों ने नरसंहार, बलात्कार, दंगे का जख्म भुलाने के लिए खेल में जीत का सहारा लेना शुरू कर दिया। ऐसे में प्रशंसक खेल की हार को पचा ही नहीं पाते थे। और यही तल्खी क्रिकेट पर भी दिखने लगी।
आजादी के समय हॉकी का क्रिकेट से ज्यादा रसूख
जहां तक क्रिकेट की बात है, तो आजादी के समय हॉकी कहीं ज्यादा लोकप्रिय थी।बंटवारे के पहले भारत ओलंपिक चैंपियन था। और इसी का असर था दोनों देशों के बीच पहली भारत-पाक क्रिकेट सीरीज 1954 में जाकर खेली गई। उस समय पाकिस्तान टीम भारत आई थी। पहला मैच दिल्ली में खेला गया था। और उद्घाटन के मौके पर राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद मौजूद थे। उसके बाद भारतीय टीम पाकिस्तान गई। इसके लिए दोनों देशों के तरफ से हजारों की संख्या में लोगों को वीजा दिए गए। लेकिन क्रिकेट अभी भी दोनों देशों के बीच ज्यादा लोकप्रिय नहीं हुआ था। इसी कारण साल 1947 से 1965 के बीच दोनों देशों के बीच केवल 3 टेस्ट सीरिज हुई। इस बीच भारत-पाक के बीच युद्ध का दौर शुरू हुआ तो 17 साल तक, दोनों देशों के बीच क्रिकेट बैन हो गया।
युद्ध से बिगड़े संबंध
इसके बाद दोनों देशों के संबंधों के बीच युद्ध का साया पड़ा। साल 1965 और 1971 में दोनों देशों के बीच युद्ध होने के कारण, आपसी संबंध बिगड़ गए और क्रिकेट सीरिज पर ब्रेक लग गया। और साल 1978 तक दोनों देशों के बीच क्रिकेट नहीं खेला गया। इस बीच दोनों देशों के राजनीतिक समीकरण बदलने का असर, क्रिकेट संबंधों पर भी दिखा । पाकिस्तान में सैन्य शासक जिया-अुल हक सत्ता पर काबिज हो चुके थे। और भारत में इंदिरा गांधी की नेतृत्व वाली सरकार की जगह मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार आई और उसके बाद फिर से क्रिकेट संबंध सामान्य हुए। इस बीच देसाई ने पाकिस्तान में भारत की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की जासूसी गतिविधियों को रोकने के आदेश दिए। इसने उन्हें पाकिस्तान में बेहद लोकप्रिय बना दिया और 1990 में उन्हें पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया। जो कि एक मात्र भारतीय राजनेता हैं, जिन्हें यह सम्मान मिला।
आतंकवाद और मोदी सरकार की सख्ती
इस बीच कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को पाकिस्तान की तरफ से बढ़ावा मिलता गया। 90 के दशक में दोनों देशों के बीच हालात इतने खराब हो गए कि क्रिकेट का मैच कश्मीर की जंग जैसा हो गया। इस बीच 1998 में जब अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार और नवाज शरीफ ने फिर से दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर करने की कोशिश की। इसी का असर था कि लाहौर और दिल्ली के बीच डायरेक्ट बस सेवा शुरू की गई। तो 1999 में पाकिस्तान टीम भारत आई। उस वक्त करीब 10 साल बाद दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय सीरिज खेली गई। लेकिन 2008 में मुंबई हमले के बाद एक बार फिर रिश्ते पटरी से उतर गए और उसके बाद मोदी सरकार ने आपसी संबंधों पर रोक लगा दी। उसकी सीधी शर्त है कि जब तक पाकिस्तान आतंकी गतिविधियां बंद नहीं करेगा, तब तक रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते हैं। इसके बाद से दोनों देश आपस में आईसीसी टूर्नामेंट में ही खेलते हैं।
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