MPOX clade 1 case : भारत में मिला MPOX क्लेड 1 का पहला केस, यूएई से मल्लापुरम आए व्यक्ति में मिला संक्रमण

MPOX clade 1 case : भारत में MPOX क्लेड 1 का पहला केस मिला है। संक्रमण का यह मामला पिछले सप्ताह केरल के मल्लापुरम में सामने आया। संक्रमित व्यक्ति की उम्र 38 साल है जो कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से वापस लौटा है। इस स्ट्रेन के मिलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है।

MPOX clade 1 case

केरल में मिला एमपॉक्स क्लेड 1 का पहला केस।

MPOX clade 1 case : भारत में MPOX क्लेड 1 का पहला केस मिला है। संक्रमण का यह मामला पिछले सप्ताह केरल के मल्लापुरम में सामने आया। संक्रमित व्यक्ति की उम्र 38 साल है जो कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से वापस लौटा है। इस स्ट्रेन के मिलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है।

मरीज की हालत स्थिर

रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि मरीज की हालत स्थिर है। भारत में वायरस के इस स्ट्रेन का यह पहला केस है। दुनिया भर में इसके मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन को पिछले महीने दूसरी बार इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करना पड़ा। इससे पहले हिसार का 26 साल का एक युवक एमपॉक्स से संक्रमित मिला था। इस महीने की शुरुआत में वह पश्चिम अफ्रीकी क्लेड 2 का पॉजिटिव पाया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स को जबसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है तब से भारत में एमपॉक्स के कुल 20 मामले सामने आ चुके हैं।

WHO के मुताबिक एमपॉक्स वायरस के दो स्ट्रेन क्लेड 1 और क्लेड 2 मिल रहे हैं। क्लेड 1 बी अफ्रीका में तेजी से फैल रहा है। इस महीने की शुरुआत में भारत में क्लेड 2 का भी एक केस मिला। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि क्लेड 2 को लेकर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी जैसी कोई बात नहीं है।

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक एमपॉक्स के लक्षण हैं-
  • शरीर पर चकते के निशान
  • बुखार
  • गले में खराश
  • सिर दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • शरीर के पिछले हिस्से में दर्द
  • थकान
  • सूजन

एमपॉक्स के मरीज अस्पताल से छुट्टी मिली

दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल में इस महीने की शुरुआत में भर्ती एमपॉक्स के एक मरीज को छुट्टी दे दी गई है। अस्पताल के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की। मरीज को शनिवार को छुट्टी दे दी गई। हरियाणा के हिसार का रहने वाला 26 वर्षीय मरीज करीब 12 दिन तक अस्पताल में एमपॉक्स मामलों के लिए बने आपदा वार्ड में भर्ती था। मरीज को आठ सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और चिकित्सकों ने नौ सितंबर को उसमें रोग की पुष्टि की थी।

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बरती जा रही सावधानी

अस्पताल के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि ‘एमपॉक्स के एकमात्र मरीज को 21 सितंबर को छुट्टी दे दी गई।’ अस्पताल में 20 पृथक-कक्ष हैं जिनमें से 10 एमपॉक्स के संदिग्ध मामलों के लिए और शेष उन मरीजों के लिए हैं जिनमें एमपॉक्स की पुष्टि हुई है। गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल और बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल में एमपॉक्स के संदिग्ध रोगियों और जिनमें रोग की पुष्टि हुई है, उनके लिए पांच-पांच कमरे निर्धारित किए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स वायरस की मौजूदगी और दूसरी बार अफ्रीका के कई हिस्सों में वायरस के प्रसार के मद्देनजर पिछले महीने एमपॉक्स को ‘अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल’ (पीएचईआईसी) घोषित किया था।

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आलोक कुमार राव author

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