SCO में चीन के BRI प्रोजेक्ट का विरोध करने वाला भारत एकमात्र देश, रूस-पाक ने दिया समर्थन
चीन की बीआरआई पहल के लिए कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान गणराज्य ने अपने समर्थन की पुष्टि की।
SCO meet 2023
Belt and Road Initiative: भारत ने एक बार फिर चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का समर्थन करने से इनकार कर दिया और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में इस परियोजना का समर्थन नहीं करने वाला एकमात्र देश बन गया। भारत द्वारा आयोजित वर्चुअल शिखर सम्मेलन के अंत में जारी एक घोषणा में कहा गया कि रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने बीआरआई को अपना समर्थन दोहराया।
रूस-पाकिस्तान ने दिया समर्थन
चीन की बीआरआई पहल के लिए अपने समर्थन की पुष्टि करते हुए कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान गणराज्य ने संयुक्त रूप से इस परियोजना को लागू करने के लिए चल रहे काम को पूरी तवज्जो दी। इसमें यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन और बीआरआई के निर्माण को जोड़ने के प्रयास भी शामिल हैं। इसमें कहा गया है, इच्छुक सदस्य देशों द्वारा आपस में राष्ट्रीय मुद्राओं की हिस्सेदारी में क्रमिक बढ़ोतरी के लिए रोडमैप को लागू करने के पक्ष में बात की।
घोषणा में क्या-क्या कहा गया
घोषणा में कहा गया है कि सदस्य राज्यों ने इच्छुक सदस्य देशों द्वारा अपनाई गई एससीओ आर्थिक विकास रणनीति 2030 के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने पर हामी भरी। साथ ही डिजिटल अर्थव्यवस्था, उच्च प्रौद्योगिकी और सड़क के लिए मौजूदा अंतरराष्ट्रीय मार्गों और रेल परिवहन के आधुनिकीकरण के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से परियोजनाओं को सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण माना। शिखर सम्मेलन में अपनी शुरुआती टिप्पणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। लेकिन इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसे प्रयास करते समय एससीओ चार्टर के बुनियादी सिद्धांतों, विशेष रूप से सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना जरूरी है।
पीएम मोदी ने की अध्यक्षता
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुए शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और समूह के अन्य नेता शामिल हुए। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र की प्रगति के लिए मजबूत कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण है। बेहतर कनेक्टिविटी न केवल आपसी व्यापार को बढ़ाती है बल्कि आपसी विश्वास को भी बढ़ावा देती है। पीएम मोदी ने कहा कि हालांकि, इन प्रयासों में एससीओ चार्टर के बुनियादी सिद्धांतों को बनाए रखना आवश्यक है, विशेष रूप से सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए।
घोषणा में कहा गया कि सदस्य देश सतत सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए और एससीओ क्षेत्र में लोगों की भलाई और जीवन स्तर में सुधार के लिए सहयोग को व्यापक और गहरा करने का इरादा रखते हैं। इसमें कहा गया है, वे इच्छुक सदस्य देशों द्वारा अपनाई गई एससीओ आर्थिक विकास रणनीति 2030 सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अन्य संयुक्त कार्यक्रमों और परियोजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण मानते हैं।
मजबूत अफगानिस्तान की वकालत
अफगानिस्तान पर घोषणापत्र में कहा गया कि सदस्य देशों का मानना है कि एससीओ क्षेत्र के भीतर सुरक्षा और स्थिरता के संरक्षण और मजबूती के सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक अफगानिस्तान में स्थिति का शीघ्र समाधान है। वे अफगानिस्तान को एक स्वतंत्र देश के रूप में बनाने की वकालत करते हैं जो तटस्थ, एकजुट, लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण राज्य, आतंकवाद, युद्ध और नशीली दवाओं से मुक्त हो।
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