31 MQ-9B ड्रोन से भारत की सुरक्षा होगी अभेद्य, इसकी इन खासियतों से उड़ेंगे चीन-पाक के होश
इस ड्रोन सौदे की घोषणा जून 2023 में प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के दौरान की गई थी। जानिए क्या-क्या हैं इसकी खासियतें
MQ-9B ड्रोन
MQ-9B Drones: अमेरिका ने आखिरकार भारत को 31 एमक्यू-9बी सशस्त्र ड्रोन (MQ-9B Drone) सौदे को मंजूरी दे दी है। ये सौदा 3.99 अरब अमेरिकी डॉलर का है और इसके लिए समझौता पीएम मोदी के पिछले साल अमेरिकी दौरे के दौरान हुआ था। इससे समुद्री मार्गों में मानवरहित निगरानी और टोही गश्त के जरिए वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपटने के लिए भारत की क्षमता बढ़ेगी। MQ-9B ड्रोन के आने से भारत की ताकत में बेहद इजाफा होगा और दुश्मन देशों से निपटने के लिए कारगर साबित होगा। खास तौर पर चीन की मनमानी पर अंकुश लगेगा और एलएसी पर भारत की निगरानी में आसानी होगी।
MQ-9B की खासियतें
- MQ9B ड्रोन सटीक हमलों के लिए लेजर-निर्देशित हेलफायर मिसाइलों का प्रयोग करता है।
- अमेरिका ने अफगानिस्तान के काबुल में एक परिसर पर हवाई हमले के लिए एमक्यू-9 रीपर ड्रोन का इस्तेमाल किया था, जिसमें अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी ढेर कर दिया गया था।
- रक्षा जानकारों ने बताया कि अमेरिका के ड्रोन 40,000 फीट तक की ऊंचाई तक उड़ान भरने की क्षमता रखते हैं।
- दूर ऊंचाई तक उड़ने की क्षमता के साथ ही हथियारों से लैस यह ड्रोन खुफिया जानकारी जुटाने और निगरानी के लिए भी आसानी से उपयोग में लाए जा सकते हैं।
- रक्षा जानकारों का कहना है कि इन मानव रहित विमानों का इस्तेमाल एयरबोर्न अर्ली वार्निंग, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, एंटी-सरफेस वॉरफेयर और एंटी-सबमरीन वॉरफेयर में किया जा सकता है।
- अमेरिका के इन ड्रोन एक बड़ी खूबी यह भी है कि यह सभी ड्रोन किसी भी प्रकार के मौसम से प्रभावित हुए बिना करीब तीस से चालीस घंटे तक की उड़ान एक बार में भर सकते हैं।
मोदी की ऐतिहासिक अमेरिका यात्रा में हुआ सौदा
इस ड्रोन सौदे की घोषणा जून 2023 में प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के दौरान की गई थी। रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) ने वाशिंगटन में एक बयान में कहा कि विदेश विभाग ने 3.99 अरब अमेरिकी डॉलर की अनुमानित लागत पर एमक्यू-9बी एयरक्राफ्ट और संबंधित उपकरणों को भारत सरकार को बेचने को मंजूरी देने का निर्णय लिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका से खरीदे जाने वाले कुल 31 ड्रोन में से 15 ड्रोन भारतीय नौसेना के लिए, 8 ड्रोन सेना और शेष 8 ड्रोन वायु सेना को मिल सकते हैं। इससे पहले भारत का रक्षा मंत्रालय 31 'हंटर-किलर' ड्रोन के लिए लेटर ऑफ रिक्वेस्ट भेज चुका है।
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