पहली बार अफ्रीका सहित इन देशों में रक्षा अताशे तैनात करेगा भारत, बढ़ेगा देश का रुतबा, चीन की भी कसेगी लगाम

इसका उद्देश्य भौगोलिक प्रतिद्वंद्विता के बीच रणनीतिक संबंधों और सैन्य कूटनीति को मजबूत करना है। जिबूती में नए रक्षा अताशे नियुक्ति खास तौर पर बेहद अहम है। क्या मायने हैं समझते हैं।

India to post defense attaches in many nations

भारत कई देशों में तैनात करेगा रक्षा अताशे

India To Post Defence Attaches: भारत पहली बार प्रमुख क्षेत्रों के साथ रणनीतिक संबंधों का विस्तार करने की अपनी व्यापक नीति के अनुरूप कई अफ्रीकी देशों व कुछ अन्य देशों में रक्षा अताशे तैनात करने जा रहा है। भारत इथियोपिया, मोजाम्बिक, आइवरी कोस्ट, फिलीपीन, आर्मीनिया और पोलैंड सहित कई देशों में रक्षा अताशे तैनात करेगा। सूत्रों ने बताया कि भारत अफ्रीकी देश जिबूती के लिए एक नया रक्षा अताशे भी नियुक्त कर रहा है, जो लाल सागर और अदन की खाड़ी के आसपास एक प्रमुख समुद्री प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है और सैन्य अड्डों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। यह भी पता चला है कि भारत मॉस्को में अपने दूतावास और लंदन में उच्चायोग में सैन्य अधिकारियों की टीमों की संख्या को तर्कसंगत बनाने की योजना बना रहा है।

रणनीतिक संबंध और सैन्य कूटनीति होगी मजबूत

इसका उद्देश्य भौगोलिक प्रतिद्वंद्विता के बीच रणनीतिक संबंधों और सैन्य कूटनीति को मजबूत करना है। जिबूती में नए रक्षा अताशे नियुक्ति खास तौर पर बेहद अहम है। यह दूसरी बार होगा जब भारत जिबूती के लिए रक्षा अताशे तैनात करेगा, जो लाल सागर और अदन की खाड़ी से घिरा होने के कारण समुद्री महत्व रखता है। पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि कई अफ्रीकी देशों ने पहले ही भारतीय सैन्य प्लेटफॉर्म, उपकरण और हार्डवेयर प्राप्त करने में गहरी रुचि दिखाई है।

फिलीपींस, आर्मेनिया और पोलैंड में भी तैनाती

इसके अलावा, भारत फिलीपींस, आर्मेनिया और पोलैंड में भी रक्षा अताशे तैनात करेगा। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली मॉस्को में अपने दूतावास और लंदन में उच्चायोग में सैन्य अधिकारियों की अपनी टीमों को तर्कसंगत बनाने की भी योजना बना रही है। इन देशों में तैनात कुछ रक्षा अताशे को युक्तिकरण प्रक्रिया के हिस्से के रूप में अन्य क्षेत्रों में तैनात करने की तैयारी है। पीटीआई ने बताया कि भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के कम से कम 16 रक्षा अताशे जल्द ही अपना नया पद संभालेंगे।

ग्लोबल साउथ की आवाज बना भारत

पिछले कुछ वर्षों में भारत ने ग्लोबल साउथ या विकासशील देशों, विशेष रूप से अफ्रीकी महाद्वीप की चिंताओं, चुनौतियों और आकांक्षाओं को समझते हुए खुद को सबसे आगे स्थापित किया है। अफ्रीकी देशों में अपना प्रभाव बढ़ाने के चीन के लगातार प्रयासों के बीच अफ्रीका के साथ भारत के संबंधों में सुधार देखा गया। 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ को G-20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करने को पिछले साल दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह की भारत की अध्यक्षता में एक प्रमुख मील का पत्थर के रूप में देखा गया था।

पिछले महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि ग्लोबल साउथ के देश कई मुद्दों पर एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति रखते हैं। अपनी टोक्यो यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, मंत्री ने ग्लोबल साउथ में भारत के नेतृत्व पर प्रकाश डाला और 125 देशों की विभिन्न चिंताओं को समझने के लिए बुलाई गई दो बैठकों का जिक्र किया, यहां तक कि उन्होंने उन्हें छोड़ देने के लिए चीन की आलोचना भी की।

चीन की आक्रामकता का मुकाबला

दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के खिलाफ भारत फिलीपींस के साथ रक्षा संबंधों को और विस्तारित करने पर भी विचार कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में इन दोनों देशों के संबंधों में भी तेजी देखी जा रही है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2022 में भारत ने मिसाइलों की तीन बैटरियों की आपूर्ति के लिए फिलीपींस के साथ 375 मिलियन डॉलर का सौदा किया।

आर्मेनिया बना भारत का अहम रक्षा साझीदार

आर्मेनिया में एक रक्षा अताशे नियुक्त करने का भारत का फैसला तब आया जब काकेशस क्षेत्र में स्थित यह देश और एक पूर्व सोवियत सदस्य, एशियाई राष्ट्र के साथ संबंधों को गहरा करने में गहरी दिलचस्पी दिखा रहा है। 2023 में आर्मेनिया को मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सहित भारतीय सैन्य हार्डवेयर की आपूर्ति के लिए एक हथियार सौदा किया गया था। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय संघ के सदस्य पोलैंड में एक रक्षा अताशे को तैनात करने का फैसला दोतरफा रक्षा संबंधों का विस्तार करने की भारत की इच्छा को दर्शाता है। पिछले साल यूरोपीय संघ ने पहली बार भारत में अपने मिशन के लिए एक सैन्य अताशे को तैनात किया था।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited