क्या पाकिस्तान की कथनी कभी करनी में बदलेगी, भारत ने किया साफ इस आधार पर ही बातचीत संभव

क्या पाकिस्तान वास्तव में भारत के साथ मिलकर खुशहाली के रास्ते पर जाना चाहता है, या महज वो दिखावा करता है। पीएम शहबाज शरीफ ने जब कहा कि अब वो एक और जंग हम झेल नहीं पाएंगे तो लगा कि वो बदल रहे हैं। लेकिन जिस तरह से पाकिस्तानी जमीन पर हाफिज सईद, अब्दुल रहमान मक्की, मसूद अजहर नापाक इरादों को अंजाम दे रहे हैं, भारत के साथ शांति मुमकिन है।

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने हाल ही में वैश्विक मंच से कहा कि वो भारत के साथ सामान्य रिश्ता बनाना चाहते हैं। हम तीन जंग लड़ चुके हैं और इससे अधिक का सामना नहीं कर सकते। अब रिश्तों में बेहतरी के लिए कदम उठाना होगा। लेकिन क्या ये सब महज बातें हैं। पाकिस्तान एक तरफ तो भारत से रिश्ते सुधारने की बात करता है। लेकिन उसकी जमीन पर हाफिज सईद, अब्दुल रहमान मक्की, मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम की मौजूदगी पर चुप्पी साधे रहता है। हाल ही में इस तरह की जानकारी सामने आई कि कराची एयरपोर्ट पर दाऊद का दबदबा कायम है। अगर कोई डी कंपनी से सौदा करने के लिए आता है तो उसके पासपोर्ट पर स्टैंप नहीं लगता है। इन सबके बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि हम तो हमेशा से पाकिस्तान से रिश्ते सामान्य चाहते हैं। लेकिन उसके लिए माहौल भी बनाने की जरूरत है। आतंकवाद का रास्ता छोड़े बिना बातचीत मुमकिन नहीं है। पाकिस्तान अगर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने पर रोक लगाता है तो भारत उसका खुले दिल से स्वागत करेगा।

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सवाल यह है कि पाकिस्तानी नेता इस तरह की बात क्यों करते हैं। जानकार बताते हैं कि इस समय पाकिस्तान की हालत बेहद खराब है। महंगाई चरम सीमा पर है, लोगों को नियंत्रित करने के लिए ए के 47 की मदद ली जा रही है। ऐसी सूरत में पाकिस्तानी सरकार के सुर बदले हुए हैं। अगर आप इतिहास को देखें तो भारत ने उन्हें इतने जख्म दिए हैं जिन्हें भूल पाना आसान नहीं है। अगर सिविल सरकार माहौल को सामान्य बनाने की कोशिश करती है तो पाक फौज की तरफ से अड़ंगा लगाया जाता है।

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