अमेरिका से MQ 9B और Gurardian Drones खरीदेगा भारत, दुश्मन होगा नेस्तनाबूत
15 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने अमेरिका से कुल 31 ड्रोन लेने पर सहमति बनी थी।
(Picture credit: General Atomics Global Corporation)
MQ 9B Drones: कुछ वर्षों में भारत-अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों में भी मजबूती आई है। पीएम मोदी के दौरे के साथ ही भारत-अमेरिका के रिश्तों को और नई गहराई मिल रही है। नए रक्षा सौदे के तहत भारत, अमेरिका से 31 हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (HALE) ड्रोन लेने जा रहा है। ये चरणबद्ध तरीके से होगा। 10 ड्रोन का पहला बैच बिना हथियारों के होगा और इसमें त्रिकोणीय समावेश होगा- इंटेलीजेंस, निगरानी और टोही कमांड सेंटर। एक दक्षिण में और दो उत्तर में भारत की चीन से लगती उत्तरी सीमाओं पर तैनात होगा।
31 ड्रोन लेने पर सहमति
15 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने अमेरिका से कुल 31 ड्रोन लेने पर सहमति बनी थी। इसके तहत 15 MQ9B सी गार्जियन (Sea Guardian) और 16 स्काई गार्जियन (Sky Guardian) ड्रोन खरीदने करने के लिए एक त्रि-सेवा प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सी गार्जियन ड्रोन समुद्री निगरानी और निगरानी के लिए जिम्मेदार होंगे जबकि स्काई गार्जियन ड्रोन का उपयोग जमीनी सीमाओं की रखवाली के लिए किया जाएगा। अमेरिकी विदेशी सैन्य बिक्री या गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट रूट के माध्यम से 3 बिलियन डॉलर से अधिक के अधिग्रहण को इस सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान मंजूरी मिलेगी।
पहली खेप में 10 ड्रोन की आपूर्ति
भारत और अमेरिका दोनों द्विपक्षीय संबंधों में एक नई छलांग लगाने के लिए तैयार हैं, पहली खेप में 10 ड्रोन की आपूर्ति होगी। बाद के चरण में हथियारों और मिसाइलों वाले ड्रोन मिलेंगे। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, मामले के जानकार लोगों ने बताया कि हालांकि, सभी ड्रोन में हार्डपॉइंट या मिसाइल और लेजर गाइडेड बम ले जाने की क्षमता होगी। नरेंद्र मोदी सरकार सभी ड्रोन और हथियार नहीं खरीदेगी, इस सौदे में पैकेज में स्थानीयकरण (localization) की शर्त भी शामिल होगी। इसके माध्यम से ड्रोन पर भारतीय निर्मित गोला-बारूद भी लगाया जा सकता है।
HALE ड्रोन को संभालने का अनुभव
भारत, तमिलनाडु में INS राजाली से जनरल एटॉमिक्स से पट्टे पर दो सी गार्जियन ड्रोन संचालित करता है। सेना को 40 घंटे तक HALE ड्रोन को संभालने का अनुभव है। भारतीय नौसेना पट्टे पर लिए गए ड्रोन के प्रदर्शन से संतुष्ट है, जो दक्षिण पूर्व एशिया से लेकर अफ्रीका तक रीयलटाइम समुद्री इलाके तक निगरानी की सुविधा देता है। सी गार्जियन और स्काई गार्जियन दोनों ओवर-द-हॉरिजन टारगेटिंग, एंटी-सरफेस वारफेयर, एंटी-सबमरीन वारफेयर, एयरबोर्न माइन काउंटरमेशर्स, लॉन्ग रेंज स्ट्रैटेजिक सर्विलांस, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर, डिफेंसिव काउंटर एयर, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग का संचालन कर सकते हैं और आपदा राहत के साथ कानून व्यवस्था में भी मदद कर सकते हैं।
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अमित कुमार मंडल author
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