अगले 3-4 साल में बंद हो जाएंगी देश की 30 कोयला खदानें, बदलेगा नजारा, यहां दिखेंगे जंगल और तालाब

देश अपना कोयला उत्पादन इस तरह से बढ़ा रहा है कि वित्त वर्ष 2026 तक हमारे पास नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों को निर्यात के लिए भी अतिरिक्त कोयला होगा।

बंद हो जाएंगी देश की 30 कोयला खदानें

Coal Mines in India To Be Closed: देश में अगले तीन से चार वर्षों में लगभग 30 कोयला खदानें बंद हो जाएंगी। ये फैसला कुछ खास उद्देश्यों से लिया गया है। इससे वनों या जल निकायों का रास्ता साफ होगा, साथ ही आयातित कोयले की मात्रा में भी काफी कमी आएगी। यानी कुछ वर्षों में इन जमीनों पर हरे-भरे जंगल और तालाब नजर आएंगे। ये फैसला देश में साल 2040 तक थर्मल पावर उत्पादन के लिए कोयले की लगातार बढ़ती मांग के लिहाज से बेहद अहम है। केंद्रीय कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने सोमवार को मुंबई में चल रहे जी 20 शिखर सम्मेलन के इतर सिलसिलेवार इसकी जानकारी दी।

50 लाख लोग होंगे प्रभावित

मीणा ने कहा कि डी-कोलिंग या कोयला-खान बंद करने से निश्चित रूप से पर्यावरण पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। लेकिन इसका लोगों के रोजगार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा क्योंकि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस व्यवसाय में लगे 50 लाख लोगों की आजीविका प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि वे और उनकी आजीविका ज्यादा प्रभावित न हो।

कोयला खदानों की बदल रही तस्वीर

कोयला खदानें बंद करके इसकी जमीन को राख से भरकर पेड़ लगाए जा रहे हैं। कृषि भूमि बनाकर, तालाब और सोलर प्लांट तैयार करके पर्यावरण के अनुकूल इसे उपयोग में लाया जा रहा है। अनुमानित 2 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन में से लगभग 20000 हेक्टेयर भूमि की पहचान की गई है। अगले कुछ वर्षों में हर साल 500 हेक्टेयर जमीन को पर्यावरणीय इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। कोयले की खदानें औसतन 25 से 30 साल तक चलती हैं।
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